
15 सूत्रीय मांगों को लेकर 90 हजार लोको पायलट आंदोलन पर, रेलवे प्रशासन पर लगाया शोषण का आरोप
रायपुर। ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के नेतृत्व में देशभर के करीब 90 हजार लोको पायलटों ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आज सुबह 7 बजे से 36 घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी है। लोको पायलटों का आरोप है कि उनसे 12 से 14 घंटे तक काम लिया जा रहा है, लेकिन काम के घंटे निर्धारित नहीं किए गए हैं। रायपुर रेल मंडल के लोको पायलट रवि कुमार ठाकुर ने बताया कि असिस्टेंट लोको पायलटों से जबरन हैंड ब्रेक कसवाया जाता है, जो रेलवे की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
प्रमुख मांगें
लोको पायलटों ने प्रदर्शन करते हुए रेलवे प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई और अपनी प्रमुख मांगों को दोहराया। उनकी मांगें इस प्रकार हैं:
✔ ड्यूटी के घंटे तय किए जाएं – साप्ताहिक विश्राम 16 घंटे किया जाए और साइन ऑन से साइन ऑफ तक 9 घंटे की ड्यूटी तय की जाए।
✔ रनिंग भत्ते में वृद्धि – 01 जनवरी 2024 से रनिंग भत्ते की दरों में 25% की वृद्धि की जाए।
✔ रात्रि ड्यूटी सीमा तय हो – लगातार 2 रात्रि ड्यूटी से अधिक न ली जाए।
✔ आयकर में छूट – 70% किलोमीटर भत्ता को आयकर से मुक्त किया जाए।
✔ ड्यूटी घंटे सीमित किए जाएं – मालगाड़ी के लिए अधिकतम 8 घंटे और यात्री गाड़ी के लिए अधिकतम 6 घंटे की ड्यूटी तय हो।
✔ इंटर डिवीजनल ट्रांसफर प्रक्रिया को तेज किया जाए।
✔ NPS को खत्म कर OPS लागू किया जाए।
✔ महिला लोको पायलटों की समस्याओं का समाधान हो।
✔ सहायक लोको पायलट को एडिशनल अलाउंस दिया जाए।
रेलवे प्रशासन पर लगाया शोषण का आरोप
प्रदर्शनकारी लोको पायलटों का कहना है कि उन पर जरूरत से ज्यादा कार्यभार डाला जा रहा है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ रहा है। इसके अलावा, स्टेशन सेक्शन में ALP से जबरन हैंड ब्रेक खुलवाने और बांधने का आदेश दिया जाता है, जो नियमों के खिलाफ है।
रेलवे कर्मचारियों ने CVVRS कैमरे के जरिए चालक दल पर निगरानी रखने का भी विरोध किया और इसे मानसिक प्रताड़ना करार दिया।
आंदोलन का असर
इस आंदोलन का असर ट्रेनों के संचालन पर भी पड़ सकता है। अगर रेलवे प्रशासन जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लेता है, तो आंदोलन और उग्र हो सकता है।
🚆 क्या रेलवे प्रशासन लोको पायलटों की मांगों को मानेगा? या आंदोलन और तेज होगा? बने रहिए अपडेट के लिए!