शिक्षा विभाग में फिर हो गया खेला ऊपर के हुक्म के सामने अधिकारी बेबश

भूपेंद्र गोस्वामी
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शिक्षा विभाग में फिर हो गया खेला ऊपर के  हुक्म के सामने अधिकारी बेबश
गरियाबंद= जिला शिक्षा विभाग में एक बार फिर “खेला” हो गया। पिछली बार फर्नीचर खरीदी के नाम पर “खेला होने की बात सामने आई थी और इस बार केंद्र की समग्र शिक्षा योजना के तहत खेल सामग्री खरीदने के नाम पर “खेला” होने की जानकारी सामने आई है।
मामले को लेकर जिले के अधिकारी चुप है। जिला शिक्षा अधिकारी करमन खटकर कुछ भी बोलने में खुद को बेबश महसूस कर रहे है। योजना का संचालन कैसे हुआ वे यह बताने की स्थिति में भी नही है। हालांकि बिन्द्रानवागढ़ विधायक डमरूधर पुजारी मामले की जांच कराने की बात कह रहे है। जांच में सबकुछ स्पष्ट नही होने पर मामले को सदन में उठाने का भरोसा भी दिला रहे है।

दरअसल केंद्र सरकार द्वारा स्कूली बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ शरीरिक विकास के लिए प्रतिवर्ष समग्र शिक्षा योजना के तहत खेल सामग्री खरीदी के लिए राशि जारी की जाती है। केंद्र सरकार से इस वर्ष भी राशि जारी हुई है। मगर जानकारों के मुताबिक राशि का उपयोग नियमों के तहत नही हुआ है। जानकारों ने योजना में बड़ा “खेला” का अंदेशा जाहिर किया है। सी
योजना में अबतक केंद्र सरकार से जारी राशि सीधे स्कूलों के बैंक खातों में जमा होती थी। फिर स्कूल प्रबंधन स्कूल समिति के साथ मिलकर अपनी आवश्यकतानुसार खेल सामग्री की खरीदी करते थे। लेकिन इस बार ऐसा नही हुआ। ना तो पूरी राशि स्कूलों के खातों में भेजी गई और ना ही खेल सामग्री का क्रय स्कूलों द्वारा किया गया।

शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले को इस वर्ष केंद्र की समग्र शिक्षा योजना के तहत 1 करोड़ 30 लाख की राशि जारी हुई है। राशि का 30 प्रतिशत स्कूलों के खाते में जमा किया गया है बाकी 70 प्रतिशत राशि की खेल सामग्री जिला शिक्षा विभाग को भेज दी गयी है। जिला शिक्षा विभाग ने सामग्री ब्लॉकों को आबंटित कर दी और ब्लॉकों से स्कूलों को आबंटित की जा रही है।

सामग्री की गुणवत्ता को लेकर तो सवाल उठ ही रहे है। सामग्री की खरीदी प्रक्रिया को लेकर भी कई सवाल उठ रहे है। क्योंकि मामला ऊपर लेवल का होने के कारण छोटे अधिकारी कुछ भी बोलकर पचड़े में पड़ने से बच रहे है। इस बात से बिल्कुल इंकार नही किया जा सकता कि योजना में कोई बड़ा “खेला” हुआ है।
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बिन्द्रानवागढ़ विधायक डमरूधर पुजारी भी मामले में गड़बड़ी “खेला” होने की बात मान रहे है। उन्होंने मामले की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि मामले की जांच में स्पष्ट हो जाएगा कि गड़बड़ी किसने की है। यही नही मामले को दबाने की स्थिति में उन्होंने इसे विधानसभा में उठाने का भरोसा भी दिलाया है।
बतादें कि जिला शिक्षा विभाग में गत वर्ष फर्नीचर खरीदी के नाम पर बड़ा “खेला” हुआ था। क्योंकि मामला ऊपर लेवल का होने के कारण जांच का सवाल ही नही उठा। इस साल फिर “खेला” हो गया। यह “खेला” ऊपर लेवल से होने की बात कही जा रही है ऐसे में इस बार भी कोई जांच होगी इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है।

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