‘मॉब लिंचिंग’ पर महाभारत! सिवनी में ‘लिंचिंग’.. रायपुर तक ‘आंच’! क्या वाकई ये लॉ-एंड-ऑर्डर की चूक है?
रायपुर: मध्यप्रदेश के सिवनी के कुरई ब्लॉक में मंगवार को दो आदिवासी युवकों की कुछ लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। वजह उनपर गौमांस तस्करी का शक था। मामले में कुल 12 लोगों पर केस दर्ज हुआ, जिसमें से 6 पर नामजद केस दर्ज हुआ है। घटना बड़ी और गंभीर है सो पुलिस भी हरकत में आई और 9 लोगों की गिरफ्तारी की। बाकियों की भी सरगर्मी से तलाश जारी है। चूंकि इस मामले में 2 आदिवसियों की पीट-पीटकर हत्या हुई है इसीलिए शिवराज सरकार ने भी तत्परता दिखाई। दोनों आदिवासी मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद के तौर पर प्रत्येक के परिजनों को सवा 8 लाख रुपये और दैनिक वेतनभागी के तौर पर नौकरी देने का ऐलान किया।
इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। विपक्षी कांग्रेस ने घटना की जांच के लिए एक डेलिगेशन बनाकर भेजा। तो दूसरी तरफ भाजपा की तरफ से बचाव और सफाई में दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाला। मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मध्यप्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया तो पलटवार में भाजपा महासचिव कैलाश विजवर्गीय ने कहा मध्यप्रदेश में लॉ-एंड-ऑर्डर काफी बेहतर है, साथ ही राजस्थान में हुई हिंसा के बहाने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
कुल मिलाकर आरोप और पलटवार की इस पॉलिटिक्स में असल मुद्दा, असल चिंता, असल सवाल कहीं पीछे तो नहीं छूट रहे? सवाल ये कि क्या वाकई ये लॉ-एंड-ऑर्डर की चूक है? सवाल क्या मुआवजे के मरहम से सारे जख्म भर जाऐंगे? उससे भी गंभीर सवाल ये कि ऐसी संवेदनशील घटना में सियासी स्कोप कौन ढूंढ रहा है ? या जो आरोप है कि ये पूरा घटनाक्रम ही सियासी शह और षडयंत्र का हिस्सा है?