
रायगढ़ शहर के नए मास्टर प्लान का नक्शा हुआ तैयार, बस अब आने का है इंतजार
रायपुर से अब तक नहीं पहुंच सका नक्शा, आने के बाद ही प्रक्रिया बढ़ सकती है आगे
रायगढ़। शहर के नये मास्टर प्लान का नक्शा सर्वे के बाद एनआरसी हैदराबाद में तैयार हो चुका है। अब सर्वे करने वाली कंपनी डीडीएफ कंसल्टेंस को नक्शा लेकर रायगढ़ आना है । नक्शा आने के बाद उसका एक बार फिर से परीक्षण किया जायेगा और त्रुटि होने पर सुधार किया जायेगा। इसके बाद ही कहीं जाकर नक्शा फायनल किया जायेगा और नये मास्टर प्लान की प्रक्रिया आगे बढ़ पायेगी। रायगढ़ शहर का मास्टर प्लान 2021 तक के लिए बना है। इस साल शहर का मास्टर प्लान तैयार होना है। इसके लिए सर्वे का काम पहले ही पूरा किया जा सका है। चूंकि राज्य सरकार ने प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, भिलाई जैसे नौ जिलों के साथ रायगढ़ को भी स्मार्ट सिटी के कैटेगरी में रखा है और जिलों के लिए 2021 के बाद लागू होने वाली मास्टर प्लान का काम दिल्ली की डीडीएफ नामक कंपनी को दिया गया है। नया मास्टर प्लान जीआईएस बेस्ड होगा।कंपनी ने सर्वे करने कारण नजूल में पट्टा नवीकरण के कई केस लंबित पड़े के बाद रिपोर्ट तैयार कर एनआरसी हैदराबाद को भेजा गया था। हैदराबाद से नक्शा तैयार कर करेक्शन के लिए रायपुर भेज भी दिया है। अब डीडीएफ कंसलटेंस दिल्ली की टीम रायपुर जाकर नक्शा लेकर रायगढ़ आएगी ताकि नक्शा में यह देखा जा सके कि कोई त्रुटी तो नहीं रह गई है मगर अब तक नक्शा यहां नहीं पहुंच सका है। जिसके चलते नये मास्टर प्लान के आगे की प्रक्रिया भी रूकी हुई है।बताया जा रहा है कि मास्टर प्लान तैयार होने के बाद आपत्ति, सुझाव के लिए नगर निगम या कलेक्टोरेट में कैंप लगाया जाएगाम इसके बाद ही इसे फायनल किया जायेगा।पुराने मास्टर प्लान में कई विसंगतियां
शहर के पुराने मास्टर प्लान में कई विसंगतियां हैं। जिसके कारण नजूल में पट्टा नवीकरण के कई केस लंबित पड़े हैं। पुराने प्लान में कई आबादी वाले इलाके को मुक्तिधाम बता दिया गया है जिससे वहां नजूल जमीन में रहने वाले लोगों का पट्टा नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है। वहीं अलग-अलग विसंगतियों के कारण भी इस तरह के आवेदनों का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
सड़क चौड़ीकरण का मामला भी अटका
विगत वर्ष शहर की सड़कों को चौड़ा करने के लिए नापजोख भी हुआ है। सीमांकन करके हर क्षेत्र में चौड़ाई के हिसाब से मार्किंग भी किया गया है लेकिन उसे भी वर्तमान स्थिति तक रोक दिया गया जबकि सड़क के किनारे मौजूद खम्बों को व अन्य अड़चनों को हटा दिया गया। मास्टर प्लान तैयार होने के बाद ही नये सिरे से शहर को सुव्यवस्थित किया जायेगा।