
कन्या शाला – घरघोड़ा में “जम्मो पढबो जूर मिल के “तहत हुआ सफल आयोजन।
घरघोड़ा :- शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला घरघोड़ा में शिक्षा विभाग रायगढ़ की अभिनव पहल ” जम्मो पढबो जूर मिल के ” के तहत आयोजित कार्यक्रम में शाला प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों – सदस्यों ; पालकों – छात्रों – जनप्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर शासन द्वारा प्रदत्त एवं विद्यालय के “मुस्कान” पुस्तकालय में उपलब्ध विविध ज्ञानवर्धक पुस्तकों का वाचन किया ।इस अवसर पर छात्रों की अंग्रेजी वाचन अभ्यास को देखते हुए उपस्थित सदस्यों ने उन्हें पुरुष्कृत करने का भी निर्णय लिया।शाला प्रबंधन समिति की वार्षिक तीसरी बैठक में शाला को शासन द्वारा प्रदान की गयी वित्तीय मद का व्योरा, किचन गार्डन बनाने , छात्रों के शैक्षणिक विकास हेतु उपचारात्मक शिक्षण योजना , आई0सी0टी0 योजना तहत छात्राओं को शिक्षण प्रदान ,जाति प्रमाण पत्र कार्ययोजना , मध्यान्ह भोजन योजना, गृह कार्य, छात्राओं की विद्यालय में नियमित उपस्थिति,सुग्घर पढ़इया , छात्रवृत्ति योजना ,रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा योजना, एफ0एल0एन0 योजना आदि योजनाओं पर विन्दुवार चर्चा की गयी। समिति के सदस्यों – पालकों आदि ने संतोषप्रद जाहिर किया। जिला शिक्षा विभाग – रायगढ़ की नवीन एवं अच्छी पहल “जम्मो पढबो जूर मिल के” तहत 222 लोगों ने सामूहिक रूप से पुस्तकों का पठन किया।संस्था के प्रधानपाठक अखिलेश मिश्रा शिक्षिका सुभाषिनी पटनायक ने पुस्तकों की महत्ता को लेकर छात्रों से संवाद स्थापित करते हुए पुस्तकों को ज्ञान का भण्डार बतलाते हुए घरों में नियमित रूप से पुस्तकों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया।ज्योति मेडम (संकुल समन्वयक – कन्या घरघोड़ा) निवेदिता सिंह ठाकुर ने ज्ञान के स्रोत पुस्तकों में निहित होने की बात कहते हुए छात्राओं को घरों में एवं विद्यालय में स्थित पुस्तकालय में पुस्तकों को नियमित पठन अभ्यास की बात कही।पालकों ने छात्राओं की पढ़ने की अभ्यास की प्रंशसा की।कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिक्षक विजय पंडा ने जिला शिक्षा विभाग – रायगढ़ की नवाचारी पहल की दूरगामी सकारात्मक प्राप्त परिणाम बताते हुए छात्राओं के पठन अभ्यास पर जोर दिया। “जम्मो पढबो – जूर मिल के” तहत पुस्तक मेला का आयोजन कर 222 लोगों ने पुस्तक का वाचन किया।इस अवसर पर समिति के सदस्यों – पालकों में उत्साह का वातावरण देखा गया। पालकों के समक्ष कई छात्राओं ने अंग्रेजी में पुस्तको का वाचन किया जिससे पालकों ने शासकीय विद्यालय के प्रति गर्व महसूस किया गया।शाला प्रबंधन समिति की तीसरी बैठक में माताओं की उपस्थिति सर्वाधिक थी ।
