
वो जाना नहीं चाहता था, डरा हुआ था लेकिन…, टाइटन हादसे में मारे गए पाकिस्तानी पिता-पुत्र को लेकर परिवार ने क्या कहा?
टाइटन नामक पनडुब्बी से टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए सभी पांच लोगों की मौत हो गई है. यात्रियों में पाकिस्तान के बिजनेस टाइकून शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद भी शामिल थे. 19 साल के सुलेमान की उम्र पांचों यात्रियों में सबसे कम थी. अब उनकी दर्दनाक मौत के बाद उनकी चाची ने कहा है कि उनका भतीजा गहरे पानी में टाइटैनिक का मलबा देखने जाने से पहले डरा हुआ था. सुलेमान बस अपने पिता की खातिर डर के बावजूद भी मुश्किल सफर पर निकले थे.
46 साल के शहजादा दाऊद की बहन अजमेह दाऊद ने कहा कि पनडुब्बी के कमांड शिप पोलर प्रिंस के रवाना होने से पहले उन्होंने अपने भतीजे से बात की थी.
उन्होंने एनबीसी न्यूज से बातचीत में बताया, ‘सुलेमान काफी डरा हुआ था. लेकिन फादर्स डे के वीकेंड पर वो अपने पिता के साथ रिश्ते को और मजबूत करने के लिए उनके साथ गहरे पानी में चला गया.’
और कौन सवार था टाइटन पर?
टाइटन पर कुल पांच लोग सवार थे जिनमें दो पाकिस्तानी पिता-बेटे के अलावा ऑशनगेट के सीईओ और पनडुब्बी के पायलट स्टॉकटन रश, ब्रिटेन के अरबपति बिजनेसमैन हार्मिश हार्डिंग, फ्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट शामिल थे.
यह सभी लोग 14 अप्रैल 1912 में अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने जा रहे थे. टाइटैनिक का मलबा समुद्र की सतह के 12,500 फीट नीचे पड़ा है जिसमें बहुत से लोगों की दिलचस्पी रही है.
एक सदी पहले बीच से टूटकर डूब गया था टाइटैनिक
टाइटैनिक जहाज के हादसे को अब तक का सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है. 14 अप्रैल 1912 की आधी रात को एक विशाल हिमखंड से टकराकर यह विशाल जहाज दो हिस्सों में बंट गया और कुछ ही घंटों में उत्तरी अटलांटिक महासागर में डूब गया था.
भयानक हादसे के वक्त टाइटैनिक 41 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से न्यूयॉर्क की तरफ बढ़ रहा था. इसका यह पहला ही सफर था और जहाज में 1300 यात्री और 900 चालक दल को मिलाकर 2200 लोग सवार थे. हादसे में करीब 1500 लोगों मारे गए.
टाइटैनिक का मलबा सबसे पहले सितबंर 1985 में अटलांटिक सागर के समुद्रतल में 2,600 फीट नीचे मिला था. मलबा दो टुकड़ों में मिला था क्योंकि जहाज हिमखंड से टकराने के बाद दो हिस्सों में टूट गया था. दोनों टुकड़े एक-दूसरे से 800 मीटर की दूरी पर मिले थे.