
शीर्षक *गांव का जोगी जोगना आन गांव का सिद्ध
सुदेश दुबे साथी के कलम
बिलासपुर संवत 2082 की ग्रीष्म नवरात्रि में पूरे राष्ट्र में मां शक्ति स्वरूपा दुर्गा की पूजा मंदिरों में ज्योति कलश की स्थापना के बाद बिलासपुर के ही लिंगियाडीह स्थित मां कामाख्या मंदिर में जिसके संरक्षक श्री मनहरण यादव जी हैं *में बिलासपुर सरजुबाग़ीचा निवासी श्री रामशंकर शुक्ल जी द्वारा साधना का एक नया रूप देखने को मिला कि वे मंदिर के मात्र अनुमानित मात्र 60 वर्ग फ़ीट के सीमित जगह में जहां रैक पर 170 ज्योति कलश प्रज्लवित हैं के मध्य नवरात्रि पर अधिकतम तापमान पर प्रतिदिन लगभग 2..50/ 3 घंटे दुर्गा सप्तशती का पाठ एवम नवार्ण बीज मंत्र का जप करते हैं *रामशंकर जी जो हस्तशिल्प विकास बोर्ड के से.नि सहायक प्रबंधक के द्वारा साधना के क्रम में 14 वर्ष पूरे हो गये **
श्री शुक्ला जी ने कहा कि उनका आशय मात्र पूजा पाठ से नहीँ बल्कि जनकल्याण से भी है कि वर्तमान समय मे लोंगो का मस्तिष्क सात्विक भाव से पूर्ण हो ताकि जनमानस किसी का किंचित मात्र अहित की कल्पना भी न कर समाज व राष्ट्र के विकास में रत रहें*।। एवम स्पष्ट किया कि उनका आशय मात्र पूजा पाठ से नहीँ बल्कि जनकल्याण से भी है कि वर्तमान समय मे लोंगो का मस्तिष्क सात्विक भाव से पूर्ण हो ताकि जनमानस किसी का किंचित मात्र अहित की कल्पना भी न कर समाज व राष्ट्र के विकास में रत रहें।
