घरघोड़ा= बड़ा ही अजीबोगरीब मामला सामने आ रहा है जी हां जनपद पंचायत घरघोड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत भेड्रा का मामला है जहां नगर पंचायत के काम के लिए ग्राम पंचायत को फंड दिया जाता है और उसमें जितना प्रशासकीय स्वीकृत हुआ उससे कहीं ज्यादा की राशि व्यय किया गया है मामला कुछ इस तरह से है की आदिवासी विकास शाखा से प्री मेट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास घरघोड़ा क्रमांक एक एवं दो में नाली निर्माण प्लास्टर फर्श सी सी रोड पानी पाइप लाइन पोताई काम के लिए छह लाख एवं पांच लाख स्वीकृत हुआ जिसका अनुदान ग्रहीता ग्राम पंचायत भेड्रा को दिया गया राशि ग्राम पंचायत भेड्रा के खाते में दिया जाता है लेकिन ग्राम पंचायत भेड्रा का कारनामा ऐसा है कि स्वीकृत राशि से भी ज्यादा की राशि बालक छात्रावास में व्यय कर दी गई यह जानकारी हमें सूचना अधिकार के तहत प्राप्त हुई है जहां कार्य हेतु स्वीकृति 11 लाख की है तो ग्राम पंचायत भेड्रा द्वारा अठारह लाख छियालिस हजार पांच सौ दस रुपए लगभग व्यय कर दी गई है मामला तब और संदिग्ध हो जाता है जब इनके खाते में जिस तारीख को राशि जमा होता है और इस तारीख को सारे रकम निकाल लिए जाते हैं और यह रकम चारवी कंस्ट्रक्शन एवं अभिषेक इंटरप्राइजेज नामक संस्था को दी जाती है आखिर इन तमाम मामलों के एक जांच का विषय बनता है की इस तरह से नगर पंचायत के काम को फंड ग्राम पंचायत के क्यों दिया गया और ग्राम पंचायत द्वारा स्वीकृत राशि से ज्यादा की राशि व्यय क्यों की गई यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है क्योंकि जिस ग्राम पंचायत द्वारा घरघोड़ा नगर पंचायत में व्यय किया गया है वह ग्राम पंचायत ही विकास की भूखी है जहां पंचायत भवन जर्जर है जहां गलियों में सीसी रोड नहीं है जहां का विकास रुका हुआ हो वहां की राशि अगर नगर पंचायत में व्यय हो निश्चित रूप से वहां के पंचायत सचिव सरपंच पर एक सवालिया निशान खड़ा करता है
*क्या ऐसा हो सकता है*
उक्त पंचायत खाते में 24 अप्रैल 2024 को राशि जमा होता है और ठीक उसी दिन 24 अप्रैल 2024 को ही पूरा राशि चारवी कंस्ट्रक्शन एवं अभिषेक इंटरप्राइजेज को राशि दे दी गई है और यह भी एक संदेहास्पद लगता है जबकि उक्त पंचायत द्वारा प्रिया साप्ट में 29 मार्च 24 को बिल वाउचर डाला गया है जिसे ऑनलाइन स्पष्ट देखा जा सकता है यह भी एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है कि आखिर इस तरीके से एक ही दिन में पंचायत फंड में आना और पंचायत से आहरण हो जाना बड़ा सवाल खड़ा करता है
जब अनुदान गृहित्ता पंचायत हो और काम नगर पंचायत में हो तब नियम यह कहता है कि नगर पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र ली जाए एवं उक्त कार्य को ठेकेदार के माध्यम से न होकर कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत होता है परंतु यहां ठेकेदार को राशि दी गई है आहरण करके पंचायत द्वारा जबकि पंचायत स्वयं कार्य एजेंसी होना चाहिए था जबकि यहां तो कार्य स्वीकृत 21मार्च 2023 को हुई है जबकि कार्यालय नगर पंचायत घरघोड़ा से अनापत्ति प्रमाण पत्र 30 दिसंबर 2022 को ही ले ली गई थी इससे स्पष्ट होता है कि कार्य स्वीकृति से तीन महीने पहले नगर पंचायत से अनापत्ति ले लेना कहीं ना कहीं एक बड़ा सवाल खड़ा करता है