अवैध ई फार्मेसी को बंद करने ऑल इंडिया द्वारा पुरजोर विरोध

अवैध ई-फार्मेसियों पर इंडिया टुडे की चौंकाने वाली जांच के बाद एआईओसीडी ने प्रधानमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की
*ऑल इंडिया ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी ), जो देशभर में 12.40 लाख से अधिक वैध ब्रिक-एंड-मोर्टार फार्मेसियों का प्रतिनिधित्व करता है, ने आज प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  से जनहित में अवैध ई-फार्मेसियों को तुरंत बंद कराने और GSR 817 तथा GSR 220 को तत्काल वापस लेने की मांग को एक बार फिर अत्यंत गंभीरता से दोहराया है।
*एआईओसीडी के अध्यक्ष जे एस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने चेतावनी दी है कि अवैध ई-फार्मेसियों और क्विक-कॉमर्स ऐप्स द्वारा बिना किसी वैध चिकित्सीय परीक्षण, बिना योग्य डॉक्टर और बिना लाइसेंस दवाओं—विशेषकर एंटीबायोटिक्स—की बिक्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भयावह खतरा बन चुकी है।

*इंडिया टुडे की जांच ने खोला बड़ा घोटाला *

मुंबई =इंडिया टुडे की  खोजी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि कुछ क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, विशेषकर Blinkit, अज्ञात और नकली “डॉक्टरों” के माध्यम से बिना जांच के प्रिस्क्रिप्शन दवाएँ सप्लाई कर रहे हैं। यह न केवल फार्मेसी एवं मेडिकल कानूनों का खुला उल्लंघन है, बल्कि देशभर में एंटीबायोटिक रेज़िस्टेंस, गलत दवाइयों और फर्जी मेडिकल सलाह जैसे खतरों को कई गुना बढ़ा रहा है।

ई फार्मसी और क्विक कॉमर्स द्वारा अवैध गतिविधियाँ और निम्न कानूनों का गंभीर उल्लंघन हैं—
• ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट
• ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट
• फार्मेसी एक्ट
• टेलीमेडिसिन गाइडलाइंस
• मेडिकल एथिक्स रेगुलेशंस
• NMC कोड ऑफ कंडक्ट

फिर भी कई प्लेटफॉर्म बिना लाइसेंस, बिना योग्य फार्मासिस्ट और बिना चिकित्सा रिकॉर्ड के संचालन जारी रखे हुए हैं।

AIOCD ने प्रधानमंत्री से तीन प्रमुख मांगें
1. भारत में संचालित सभी अवैध ई-फार्मेसियों पर तत्काल रोक, जिसमें क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों की अवैध दवा बिक्री भी शामिल है— दिल्ली हाई कोर्ट के 12.12.2018 के आदेश के अनुरूप।
2. GSR 817 और GSR 220 का तत्काल निरस्तीकरण, क्योंकि ये अनियंत्रित डिजिटल दवा बिक्री को बढ़ावा देते हैं।
3. जनता, बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और ग्रामीण नागरिकों को खतरनाक ऑनलाइन मेडिकल प्रथाओं से तत्काल सुरक्षा।
*AIOCD का जनहित में स्पष्ट संदेश*

AIOCD का कहना है कि भारत जैसे विशाल देश में दवाओं की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त और योग्य फार्मासिस्ट द्वारा ही होनी चाहिए। ऑनलाइन अवैध प्रथाएँ पूरे स्वास्थ्य तंत्र को खोखला करने वाली हैं और इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।इस ओर अगर शासन प्रशासन द्वारा  ध्यान नहीं दिया तो देश भर में दवा विक्रेता संघ द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा ।

AIOCD ने यह भी स्पष्ट किया कि संगठन सरकार के साथ हर स्तर पर सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है, परंतु जनता की सुरक्षा और देश की स्वास्थ्य प्रणाली की पवित्रता और मरीजों के हितों को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई आवश्यक है।उक्त जानकारी प्रेस को जिला दवा विक्रेता संघ बेमेतरा द्वारा दी गई ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button