सरपंच-सचिव ने डकारे करोड़ो रूपये, सचिव को मिल रहा अधिकारियों का संरक्षण,

2018 के शिकायत पर आज तक नहीं हुआ कार्यवाही

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।

किसी गांव का विकास समुचित तरीके से हो सके इसके लिए सरकार ने पंचायतों को अधिकार दिया है। जिससे देश के हर गांव का अंतिम छोर तक विकास अच्छे से हो सके और कोई भी गांव विकास से अछूता न रहे। लेकिन जब पंचायत और पंचायत सचिव गांव के विकास के लिए मिले पैसों से सिर्फ अपना ही विकास कर ले तब इस देश के अंतिम व्यक्ति तक विकास को पहंचाना मुश्किल ही नही नामुनकिन हो जायेगी। इसकी बानकी देखने को मिला बलौदाबाजार जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत तुरमा में जहा ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर पूरी योजना की राशि को डकार लिया और फर्जी तरीके से 14वें व 15वें वित्त तथा रेत रायल्टी की राशि मिलाकर करोड़ो रूपयों का भ्रष्टाचार किया गया। जिसकी शिकायत वर्तमान पंचायत स्थानापन्न सरपंच रूपा पैकरा, प्रतिनिधि धन्नूलाल, भूपेन्द्र टण्डन, खोलबाहरा पटेल, माखनलाल बंजारे, जगेश्वर, लकेश्वर, रतीराम साहू, राजू पैकरा ने 10 जुलाई 2021 को जनपद और जिला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बलौदाबाजार के पास किया गया पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा दिए गए शिकायत में बताया गया है कि पूर्व सरपंच और सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले के द्वारा गौढ़ खनिज की राशि 28 लाख 52 हजार रूपये का फर्जी बिल बनाकर भ्रष्टाचार कर गबन किया गया। रेम्प निर्माण और अन्य कार्यो पर हुआ फर्जी भुगतान

बेशरम परिवहन एवं रेम्प निर्माण के नाम पर 14 लाख रूपये का फर्जी भुगतान किया गया। जबकि उक्त कार्य रेत ठेकेदार के द्वारा कराया जाना था वही परिवहनकर्ताओं के नाम पर फर्जी बिल लगाकर गबन किया गया, जबकि इनमें से कुछ लोग परिवहन ही नहीं किये है। इसी प्रकार गौढ़ खनिज मद से गौठान में तार फेसिंग एवं अन्य कामों पर 14 लाख 52 हजार 4 सौ 92 रूपये का भुगतान दर्शाया गया है जो कि पूरी तरह से फर्जी है। उक्त गोठान में तार फेसिंग के लिए 3 लाख रूपये का फर्जी बिल डाला गया है। तार फेसिंग का काम 14वें वित्त की राशि से कराया गया है। इस प्रकार दोनो मद से व्यय भुगतान बताकर लाखो रूपये का गबन और भ्रष्टाचार किया गया। उक्त कामों को लेकर न ही पंचायत बैठक में पंचायत प्रस्ताव कराया गया है और न ही अनुमोदन किया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि इस प्रकार पूर्व सरपंच और सचिव द्वारिका प्रसाद के द्वारा फर्जी राशि आहरण करने की होड़ में लाखों रूपयों का जमकर भ्रष्टाचार किया गया। पंचायत प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि पूर्व सरपंच और सचिव के द्वारा रेत रायल्टी के नाम पर 72 लाख रूपये का गबन किया गया। जिसकी जांच अभी तक चल रहा है। वही, जांच के नाम पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा केवल खानापूर्ति किया जा रहा है, कछुवा गति से जांच होने की वजह से पूर्व सरपंच और सचिव के हौसले बुलंद हो गए है, शायद यहीं वजह है कि सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले के द्वारा बिना रूके एक के बाद एक फर्जी तरीके से राशि आहरण किया गया।

पंचायत प्रतिनिधियों ने दूसरे शिकायत में बताया कि पूर्व सरपंच और सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले ने 2017-18 में शौचालय निर्माण के लिये समायोजन करने को बताकर 8 लाख 19 हजार रूपये एवं गौण खनिज की राशि 2 लाख 50 हजार रूपये समायोजन के नाम पर राशि का आहरण किया गया। जबकि जनपद पंचायत बलौदाबाजार शौचालय निर्माण की पूरी राशि ग्राम पंचायत के खाते में भेज दिया गया है। शौचालय निर्माण की राशि मिलने के बावजूद 10 लाख 69 हजार रूपये को पंचायत के खाते में समायोजन नहीं किया गया है। वर्ष 2019-20 में द्वारिका प्रसाद धिड़ले के द्वारा ग्राम पंचायत के बिना प्रस्ताव, प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासनिक स्वीकति के बगैर फर्जी तरीके से पंचायत की राशि का आहरण किया गया। जिसमें पैरा परिवहन 2 लाख 79 हजार, तार फेसिंग 5 लाख 50 हजार, नाली निर्माण 1 लाख 88 हजार रूपये, शिक्षक व्यवस्था के नाम पर 1 एक लाख 46 हजार रूपये, धुलाई-पटाई के नाम पर 1 लाख 20 हजार रूपये सहित अन्य भुगतान बताकर फर्जी तरीके से पूर्व सचिव द्वारिका धिड़ले और पूर्व सरपंच के द्वारा राशि का आहरण किया गया। जिसकी जांच के लिए पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बलौदाबजार को शिकायत आवेदन दिया गया। इसी तरह वर्ष 2020-21 में 14वें वित्त से 8 लाख रूपये तथा 15वें वित्त योजना से 4 लाख रूपये पंचायत के खाते में मिला है। जिसे सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले के द्वारा बिना प्रस्ताव किये और पंचायत प्रतिनिधियों के बिना जानकारी के कोविड के नाम पर फर्जी तरीके से 9 लाख 66 हजार रूपये का व्यय, परिवहन के नाम पर दो लाख 49 हजार रूपये तालाब सफाई के नाम पर 1 लाख रूपये, आंगनबाड़ी भवन निर्माण में समायोजना के नाम पर 50 हजार रूपये फर्जी भुगतान बताकर राशि आहरण किया गया। उक्त राशि को आहरण करने संबंधी ग्राम सभा में कोई अनुमोदन नहीं किया गया। स्वच्छ भारत मिशन योजनांर्गत ग्राम पंचायत को 1 लाख 40 हजार रूपये प्रदाय किया गया। उक्त सम्पूर्ण राशि को पूर्व सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले और सरपंच श्रीमति रम्हला ध्रुव के द्वारा फर्जी तरीके से राशि का आहरण किया गया। मुलभुत की जमा राशि में से 42 हजार 2 सौ रूपये का स्टेशनरी एवं भुगतान बताकर फर्जी बिल लगाकर राशि का आहरण किया गया। गांव के विकास की जिम्मेदारी सरपंच और सचिव के ऊपर होती है, इसके लिए पंचायत को 14वें और 15वें वित्त और मुलभूत के तहत राशि उपलब्ध कराती है। लेकिन सरपंच-सचिव की बुरी नजर पड़ जाये तो कैसे विकास संभव हो सकता है। ग्राम पंचायत तुरमा की भ्रष्टाचार की लिस्ट काफी लम्बी है, पूर्व सरपंच तथा पूर्व सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले धीरे-धीरे कर गांव की विकास कार्यो के लिए आई हुई राशि को जमकर बंदरबाट किया गया। वही, उक्त सभी प्रकार के फर्जी आहरणों पर पंचायत प्रतिनिधियों ने जांच की मांग करते हुए राशि वसुलने की मांग किया गया।

क्या कहते है जिला सीईओ

इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरिशंकर चौहान ने चर्चा में बताया कि तुरमा के सरपंच सचिव के फर्जी राशि आहरण की जांच जनपद में किया जा रहा है, फिर से शिकायत किया गया है होगा तो जानकारी नही है।

क्या कहते है, जनपद सीईओ

इस सम्बंध में जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल कुमार झा से चर्चा करने पर ऑफिस में आकर बात करने को कहा।

क्या कहते है सचिव

मेरे द्वारा किसी प्रकार का कोई फर्जी राशि आहरण नहीं किया गया है, उनके द्वारा लगाया गया आरोप गलत है।

द्वारिका प्रसाद धिडले, पूर्व सचिव

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