आत्मानंद स्कूल में गड़बड़ी का मामला : जिला शिक्षा अधिकारी के जारी नियुक्ति आदेश के खिलाफ अभ्यर्थी ने की कमिश्नर से शिकायत

रामानुजगंज। स्वामी आत्मानंद उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय जिला बलरामपुर अंतर्गत रघुनाथ नगर विद्यालय में रिक्त संस्कृत पद पर बिना जांच की नियुक्ति आदेश जारी करने के खिलाफ पीड़िता अमिता सिंह ने सरगुजा आयुक्त को शिकायत करते हुए तत्काल नियुक्ति आदेश निरस्त करने की मांग की है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम उच्च माध्यमिक विद्यालय में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए योग्य लोगों से आवेदन मांगे गए थे। जब चयन सूची जारी की गई तो जारी सूची में कई तरह की गड़बड़ी सामने आई। रघुनाथनगर आत्मानंद स्कूल के लिए संस्कृत पद के लिए आवेदन प्रस्तुत करने वाली अभ्यर्थी अमिता सिंह ने चयन सूची के मेरिट सूची में गड़बड़ी का आरोप लगते हुए कलेक्टर बलरामपुर को आवेदन प्रस्तुत कर पुनः मेरिट सूची बनवाने की मांग की गई। अभ्यर्थी अमिता सिंह ने आवेदन में बताया कि संस्कृत विषय के मेरिट सूचि में मुझे दूसरा स्थान प्रदान किया गया है, जबकि पहले स्थान पर आने वाले अभ्यर्थी विनोद कुमार यादव को डेमो में 15 अंक में 1.80 अंक मिला है, जबकि मुझे 12.20 अंक प्राप्त हुए हैं।

संस्कृत विषय में अध्यापन कराए जाने में स्वर, राग व उच्चारण का महत्त्व होता है, जिसके कमी के कारण डेमो में विनोद कुमार यादव असफल रहे। अमिता सिंह ने विनोद कुमार के अंकसूची को भी संदिग्ध बताते हुए बलरामपुर जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर अंकसूची जाँच की भी मांग करते हुए विनोद कुमार के अंकसूची के जाँच की मांग की थी। बावजूद इसके जिला शिक्षा अधिकारी बलरामपुर की ओर से विनोद कुमार को नियुक्ति आदेश 8 जून को जारी कर दिया गया। जारी आदेश के विरुद्ध अमिता सिंह ने सरगुजा आयुक्त को शिकायत करते हुए कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय रघुनाथगर के लिए व्याख्याता संस्कृत पद पर पारदर्शिता नहीं दिखाया गया, मेरी ओर से बार-बार विनोद कुमार के चयनित अभ्यर्थी के अंक सूची एमए संस्कृत की जांच के लिए आवेदन दिया गया। लेकिन जांच नहीं किया गया और दिनांक 8 जून को विनोद कुमार यादव को नियुक्ति आदेश जारी कर दिया गया। जबकि विनोद कुमार यादव का अंकसूची कानपुर छत्रपति शिवाजी महराज का है, जो कि पूर्व में भी कई नियुक्ति में फर्जीवाड़े का रूप ले चुका है। हमें संदेह है कि विनोद कुमार का भी एमए की अंकसूची भी फर्जी है। जांच कर उचित कार्रवाई करते हुए नियुक्ति आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए।

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