इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हो रही सभी जगह चर्चा क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार मनेन्द्रगढ़ के आमाखेरवा से आये कुंदन नामक युवक जो की अपने सीने में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल आया था. डॉक्टर विकास पोद्दार और डॉक्टर ऋषभ दबे ने जब युवक जांच की तो पता चला की युवक को हार्ट अटैक आया है. जाँच में पता चला की युवक के शरीर में थक्का जमा है. जिसे पिघलाना आवश्यक था। इसके लिए जो इंजेक्शन मरीज को लगाये जाते हैं वह काफी महँगी होती है. जो चालीस से पचास हजार रुपये की कीमत की होती है. साथ ही मरीज के परिजनों के पास इतना पैसा नहीं था. इस दौरान मरीज की स्थिति काफी ख़राब होती जा रही थी. मरीज की बीपी जाते देख डॉक्टरों की टीम ने अपने पैसे से इंजेक्शन मंगवाकर लगाया गया. जिसके बाद पेशेंट की जान बची। अस्पताल के प्रभारी सीएमएचओ डॉक्टर एस. एस. सिंह ने बताया कि डॉक्टर ऋषभ दबे के द्वारा इस तरह दूसरी बार खुद के पैसे खर्च कर मरीज की जान बचाई गयी है. अस्पताल के टीम ने पांच घंटे तक मेहनत कर मरीज की जान बचाई गयी है. मैं सभी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाप को बधाई देता हूँ. ये हमारे लिए गर्व की बात है।

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