एक अधिकारी की कहानी भाग – पांच,,, अधिकारी साहब एक गरीब का 50 हजार खा गए,,, गरीब ने जब पैसा मांगा तो उसे भगा दिए और कहा दुनिया में किसी ही औकात नहीं है जो मेरे जेब में आए पैसे को निकाल सके,,, साहब चार दिन में कमाए 20 लाख,,,

सक्ती। सुना आपलोगों ने कि भ्रष्ट अधिकारी का बोरिया बिस्तर बांधने का आदेश आ गया है। वैसे तो पिछले भाग में मैंने कुछ शर्तों के आधार पर आगे के भाग की बात लिखी थी।
लेकिन पाठकों भ्रष्ट अधिकारी की नीयत से साफ है कि उक्त अधिकारी आखरी दम तक डटे रहने की पूरी ताकत झोंक रहा है। वहीं लगातार बैक डेट में चेक पर चेक काटे पड़ा है, यहां जनप्रतिनिधि महोदय भी उस चेक में अपना हस्ताक्षर कर रहें हैं। रेवाड़ी तो वापस हुई लेकिन 3 करोड़ के अपने टारगेट को पूरा करने अधिकारी अभी भी ऐड़ी चोंटी का जोर लगा रहें हैं। वैसे नेताजी की नीयत साफ है और उक्त भ्रष्ट अधिकारी का दाना पानी उठ गया मगर अभी भी अधिकारी थाली को चाटने में मशगूल है, खाना तो खत्म है लेकिन जूठन अभी भी बहुत बचा है। आगे एक और बात पता चली कि अधिकारी साहब एक गरीब इंसान से एक काम के वादे के एवज में 50 हजार नगद लिए थे, काम नहीं हुआ तो मंगलवार को वह व्यक्ति उक्त भ्रष्ट अधिकारी के पास पहुंचा, तो अधिकारी जिसके मुह से हड्डी कैसे छूटेगी, उसने उस गरीब व्यक्ति को डांटते हुए भगा दिया और उसको धमकी देते हुए बोला कि तेरा पैसा नहीं लौटाऊंगा, तेरे को जो करना है जिसके पास जाना है जा, अब बेचारा गरीब जाए तो जाए कहां, जबकि अधिकारी साहब दो दिन में ही 4 प्रतिसत के हिसाब से 20 लाख रुपए दस्तूरी का कमाई किए हैं।

यह सच है कि अधिकारी दस्तूरी लेता है लेकिन काम नहीं होने पर वह उस दस्तूरी को पूरी ईमानदारी से वापस करता है, लेकिन निचताई की हद पार करता यह अधिकारी एक गरीब का 50 हजार रुपए दबंगई के साथ खा गया। इस भाग को लिखने का मेरा मकसद सिर्फ इतना है कि शासन प्रशासन तत्काल संज्ञान में लें और उक्त अधिकारी को तत्काल हटाएं और दो तीन दिनों में जितने भी चेक कटे हैं उसकी जांच हो, क्योंकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी इस दुनिया में खुजली वाले …. से भी गए बीते होते हैं, भले ही यहां से बोरिया बिस्तर बांध दिया गया हो लेकिन उक्त अधिकारी अपनी हठ धर्मिता का परिचय देते हुए सारी हदों को पार कर रहा है। क्या ऐसे अधिकारी को किसी विभाग का प्रमुख रहना चाहिए, मेरी पत्रकारिता के 22 साल के कैरियर में मैंने आज तक इतना घटिया इंसान और भ्रष्ट अधिकारी नहीं देखा है, वैसे एक बात और सामने आई है कि कुछ फ़ाइलों का भी सौदा करीब 30 लाख में किया गया है, अगर उक्त अधिकारी ऐसे ही अपने पद में बना रहा तो वो पूरी तरह से विभाग को बेच देगा, उक्त भ्रष्ट अधिकारी का अभी शासकीय सेवा काफी नहीं बहुत ज्यादा बचा हुआ है लेकिन उक्त अधिकारी सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार ही कर रहा है, नेताजी को भी अब थोड़ी तत्परता दिखानी होगी ताकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी से क्षेत्र का बचाव हो सके। एक हफ्ते हो गया बोरिया बिस्तर बांधने का आदेश आए बावजूद इसके वह अपने पद और दबंगई के कारण टिका हुआ है। पाठकों लगता है कि आगे भी लेख लिखते रहना पड़ सकता है क्योंकि अधिकारी साहब तो सारे शर्म को अपने काली कमाई के साथ तिजोरी में बंद कर दिए हैं। जो एक गरीब के पैसों को देने से मना कर दे वह कितना गिरा हुआ इंसान होगा ये आपलोग खुद सोंचिए, जल्द मिलेंगे फिर से।

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