एलॅन्स स्कूल में हिन्दी दिवस पर अनेक साहित्यिक क्रियाकलाप आयोजित

दिनेश दुबे 9425523689
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*एलॅन्स स्कूल में हिन्दी दिवस पर अनेक साहित्यिक क्रियाकलाप आयोजित*
बेमेतरा 14/09/2022 – एलॅन्स पब्लिक स्कूल बेमेतरा में हिन्दी दिवस के अवसर पर साहित्यिक क्रियाकलाप  – काव्य पाठ, भाषण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साहित्यिक पुरखे उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद व कवयित्री महादेवी वर्मा के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। हिन्दी दिवस को यादगार बनाने हेतु इस अवसर पर शिक्षकों और छात्रों द्वारा इस स्कूल मे संचालित गतिविधि कैलेंडर जारी किया गया।
  प्राचार्य डॉ सत्यजीत होता ने कहा कि ’’ किसी भी देश में सबसे अधिक बोली एवं समझी जाने वाली भाषा ही वहाँ की राष्ट्रभाषा होती है। सबसे पहले, महात्मा गांधी ने 1918 में हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने का प्रस्ताव रखा। प्रत्येक मनुष्य अपने भावों की अभिव्यक्ति किसी न किसी भाषा के माध्यम से ही करता है। भाषा के अभाव में न तो किसी सामाजिक परिवेश की कल्पना की जा सकती है और न ही सामाजिक व राष्ट्रीय प्रगति की। साहित्य, कला, विज्ञान और दर्शन सभी का आधार भाषा ही है। किसी भी देश के निवासियों में राष्ट्रीय एकता की भावना के विकास और पारस्परिक संपर्क के लिए एक ऐसी भाषा अवश्य होनी चाहिए, जिसका व्यवहार राष्ट्रीय स्तर पर किया जा सके। मनुष्य के मानसिक तथा बौद्धिक विकास के लिए भी राष्ट्रभाषा आवश्यक है। मनुष्य चाहे जितनी भी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर ले परन्तु अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उसे अपनी मातृ भाषा की शरण लेनी ही पड़ती है। इससे उसे मानसिक संतोष का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी राजभाषा है जिसे कार्यालयीन कार्यों  में किया जाता है। बच्चों को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से इंडियन और हिन्दुस्तान के अंतर को स्पष्ट कराते हुए कहा कि संसार में मानव ही सबसे अधिक सौभाग्यशाली हैं, कि उसे अपनी बात कहने के लिए भाषा का वरदान मिला है। आज की पीढ़ी मे अँग्रेजी भाषा से प्रभावित है आज अँग्रेजी का बोल बाला है परंतु हमे अपने संस्कृति की बचाए रखने हेतु हिन्दी भाषा का बहुतायत प्रयोग करना है। जिस प्रकार माँ के दूध का कोई मोल नहीं होता उसी प्रकार हिन्दी भाषा का भी कोई जोड़ नहीं है।’’ रवीन्द्रनाथ टैगोर के अनुसार जैसे मां का दूध बच्चे को पोषण देता है उसी तरह मातृभाषा नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना का पोषण करती है। हमारे समाज मे विदेशो से आई  कुरुतियों को हम हिन्दी भाषा के माध्यम से दूर कर सकते है । हमारी मातृ भाषा ही हमारी आंतरिक ऊर्जा को बढ़ती है। उन्होंने हिंदी भाषा की सरलता और व्याकरण की प्रशंसा की।
डॉ जागेन्द्र कुमार कुलमित्र ने कहा कि ’’स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश के सामने अनेक प्रकार की समस्याएँ विकराल रूप लिए  हुए थी। उन समस्याओं में राष्ट्रभाषा की समस्या भी थी। कानून द्वारा भी इस समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता क्यांकि भारत एक विशाल देश है और इसमें अनेक भाषाओं को बोलने वाले व्यक्ति निवास करते हैं।
हिन्दी दिवस के अवसर पर कक्षा 7वीं के विद्यार्थियों ने हिन्दी हमारी आन है हिन्दी हमारी शान है। गीत द्वारा हिन्दी के प्रति प्रेम भावना को व्यक्त किया वही कक्षा 6वीं के विद्यार्थियों ने अपनी ओजस्वी भाषण व कविताओं द्वारा हिन्दी भाषा के प्रति अपने अकाट्य प्रेम को प्रस्तुत किया। जिनमें भागीदारी बच्चे -अविरल ताम्रकर, पूर्वी सोनी, नवप्रित कौर उबेजा, माही द्विवेदी, तेजस्वीनि यादव, अदिति चाण्डक, नीर मेश्राम, रमविलस वैद्य,गुरूसेवक सिंह कौर (कक्षा पीपीवन) रहे। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन विद्यालय के हिन्दी शिक्षिका श्रीमति पुष्पलता पटले ने किया।
समारोह में स्कूल प्रबंधक कमलजीत अरोरा, स्कूल डायरेक्टर  पुष्कल अरोरा, स्कूल प्रशासक सुनील शर्मा, श्रीमती रेणूका काले एवं शिक्षक -शिक्षिकाएँ तथा विद्यार्थी उपस्थित थे। जिन्होने विद्यार्थियों के प्रस्तुती की काफी सराहना की।

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