
रायगढ़, आपकी आवाज : शहर के निगम ऑडिटोरियम में सोमवार को डिग्री कॉलेज के छात्र-छात्राओं का फ्रेशर कार्यक्रम होना था। इस कार्यक्रम की डिग्री कॉलेज के छात्र-छात्रा तैयारी पिछले कई दिनों से की जा रही थी। छात्रों की ओर से करीब एक हजार विद्यार्थियों की उपस्थिति तय थी। कार्यक्रम के लिए छात्रों ने रायगढ़ नगर निगम ऑडिटोरियम में ₹20,000 एडवांस जमा कर अनुमति ली थी। साथ ही खाना, लाइटिंग, डीजे और सजावट की पूरी व्यवस्था की गई थी।लेकिन कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही प्रशासन ने अचानक इस पर रोक लगा दी।कार्यक्रम रद्द होने से छात्र-छात्राओं में भारी नाराजगी देखी गई। छात्र नेताओं और NSUI कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध करते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है। उनका कहना है कि छात्रों से पहले ही ₹200 प्रति छात्र के हिसाब से सहायता राशि ली गई थी, जिसके बाद सब तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। अंतिम समय में रोक लगाने से छात्रों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से नुकसान हुआ है।वहीं, प्रशासन ने अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि ऑडिटोरियम में बिजली उपकरणों की खराबी और सुरक्षा व्यवस्था की कमी को देखते हुए कार्यक्रम को रद्द किया गया है। प्रशासन का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों की मौजूदगी के बीच किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए यह कदम उठाया गया।स्थिति को देखते हुए चक्रधर नगर पुलिस और शहर के विभिन्न थानों से पुलिस बल को बुलाकर ऑडिटोरियम के बाहर तैनात किया गया। छात्रों को कार्यक्रम स्थल के अंदर जाने से रोक दिया गया।
छात्र छात्राओं की नाराजगी व अधिकारीयों की समझाइस के बाद मामला शात
जैसे ही छात्र छात्राओं कों कार्यक्रम रद्द होने की जानकारी मिली धीरे धीरे छात्र-छात्राओं ने ऑडिटोरियम पहुंच गए और नारे बाजी व हगामा करना शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों ने छात्रों को समझाइश दी। लेकिन नाराजगी देखी गईं आखिरकार प्रशासन और छात्रों के बीच यह सहमति बनी कि अगली तिथि पर विधिवत अनुमति लेकर ही कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके बाद मामला शांत हुआ।
राजनीतिक प्रतिशोध या फिर कुछ और…? पूरे मामले में nsui के जिला अध्यक्ष के साथी ही साथ छात्रों नें प्रशासन व पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया कि ज़ब हम छात्र छात्राओं कों लेकर बिधिवत परमिशन के साथ कार्यक्रम आहूत की गईं थी तों प्रशासन के द्रारा रद्द कर देना न्याय संगत नहीं है कही न कही राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि चूंकि आयोजन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा था, इसलिए जानबूझकर कार्यक्रम को राजनीतिक रंग देकर रद्द करवाया गया।
क्या कहते है अधिकारी
वहीं पुरे मामले में अधिकारियों का कहना है कि छात्र छात्राओं द्वारा जो आयोजन कार्यक्रम पूरी तरह से अनुचित था आयोजन पूरी तरह से बिना अनुमति लिए बगैर किया जा रहा था, इसलिए प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इसे रोका है।