
कंपनी प्रबंधक के द्वारा आदिवासी के जमीन पर जबरदस्ती अवैध रूप से कब्जा पीड़ित किसान ने लगाया गंभीर आरोप
रायगढ़ आपकी आवाज़ रायगढ़ छत्तीसगढ़ ।। रायगढ़ एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के अधिकारी किशोर रावत के द्वारा धमकी देने एवं नामांतरण प्रक्रिया में आपत्ति प्रस्तुत करने एवं तहसीलदार पुसौर नंदकिशोर सिन्हा के द्वारा मनमानी आदेश करने के संबंध में शिकायत की गई है ग्राम बड़े भंडार प.ह.न. 23 रा.नि.म. बड़े भंडार तहसील पुसौर जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़ में मेरा अधिकार है कि निजी भूमि जिसका खसरा नंबर 202/ 4 कुल रकबा 0.21 18 एकड़ भूमि स्थित है जिसको पुरवा में मैंने उक्त खसरा नंबर 202/4 की भूमि को कलेक्टर की अनुमति लेकर कोरबा वेस्ट पावर कंपनी को वर्ष 2016 में बेचना था लेकिन कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारी द्वारा विगत 7 वर्ष से रजिस्ट्री नहीं कराया गया।
कंपनी में मिलने जाने पर गेट पर रोक दिया जाता था पर मेरे को अपनी ही भूमि में नहीं जाने दिया जाता था मेरे द्वारा कहने पर भी मेरे भूमि का रजिस्ट्री कब करोगे बोलने पर कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी द्वारा बार-बार गुमराह किया जाता था और कंपनी के अधिकारी द्वारा बोल जाता था कि तुम्हें हर साल फसल मुआवजा खाते में जमा कर देंगे ऐसे बोल कर मुझे विगत 7 वर्षों से बहलाया गया और वह कहां गया है कि कंपनी के अधिकारी किशोर रावत के द्वारा जबरदस्ती मुझे अनुबंध में हस्ताक्षर कराया गया आज पर्यटन तक उस अनुबंध की कॉपी मुझे प्रदान नहीं किया गया और मांगे जाने पर घुमाया जाता था इस प्रकार मेरे भूमि को कंपनी के द्वारा नहीं खरीदा गया मेरे निजी भूमि को कंपनी के द्वारा जबरदस्ती कब्जा करके निर्माण कर दिया गया है और अपने कंपनी के बाउंड्रीवाल के अंदर कर लिया गया है। कंपनी के अधिकारियों से परेशान होकर उक्त खसरा नंबर 202/4 कुल रकबा 0.21 एकड़ की भूमि को मैंने पुरुषोत्तम लाल गुण को अपना भूमि बेच दिया जो कि वह आदिवासी भी है।
उसका कहना है कि मैं एक गरीब आदिवासी किसान हूं और एक आदिवासी से कंपनी ने कैसे अनुबंध किया और क्या अनुबंध करने के लिए कंपनी ने कलेक्टर से विधिवत अनुमति लिया था या फिर बिना अनुमति के कंपनी ने मेरे से हस्ताक्षर करा लिया और मेरे निजी भूमि में अवैध रूप से बलपूर्वक कब्जा कर लिया है, तात्कालीन कलेक्टर से भूमि बेचने के लिए अनुमति मेरे द्वारा लिया गया था। क्योंकि मुझे भूमि कोरबा वेस्ट पावर कंपनी लिमिटेड को भी भेजना था ना कि रायगढ़ एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड को इस प्रकार कलेक्टर का आदेश के नियम से शर्त के अनुसार अनुमति निरस्त हो जाता है। रायगढ़ एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड के किशोर रावत के द्वारा जबरदस्ती नामांतरण प्रक्रिया में आपत्ति प्रस्तुत किया गया है। कंपनी प्रबंधक किशोर रावत के द्वारा धमकी देते हुए बोला जाता है कि तहसीलदार नंद किशोर सिन्हा मेरे पुराने मित्र हैं नंद किशोर सिन्हा द्वारा तिल्दा नायब तहसीलदार और मैं जी.एम.आर. कंपनी में थे तब से जानता हूं तुम्हारा जो भी भेजे हो उसका नामांतरण में आपत्ति डालकर रुकवा देंगे और मेरे को कंपनी प्रबंधक के कर्मचारियों द्वारा बार-बार धमकी दिया गया। नामांतरण प्रक्रिया में अपनी पहुंच का फायदा उठाकर आपत्ति किया जाता रहा है। अत: आपसे निवेदन है कि इस दिशा में उचित दंडात्मक कार्यवाही किया जाए मेरे साथ भूमि को लेकर तत्काल खाली करके क्रेता को सौंपा जाए। अन्यथा मुझे तहसीलदार नंद किशोर सिन्हा और कंपनी के अधिकारी किशोर रावत के ऊपर अनुसूचित जनजाति आयोग एवं दिल्ली के दंडात्मक कार्यवाही हेतु शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
तहसीलदार के कार्य पर उठ रहे सवाल
पीडि़त किसान के निजी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है इसके बावजूद कंपनी प्रबंधक के कर्मचारियों द्वारा लगाकर परेशान किया जा रहा है, पीडि़त किसान कभी भी किसी को बेच सकता है। हालांकि मूलत: वह आदिवासी होना चाहिये। जबकि खरीददार आदिवासी है तो फिर तहसीलदार के द्वारा कंपनी प्रबंधक से भूमि खाली करा कर पीडि़त किसान को सौंद देना चाहिये। सूत्रों से खबर मिल रही है कि पीडि़त किसान ने तहसीलदार के खिलाफ भी शिकायत किया है।