
जांजगीर चाम्पा । प्रदेश की राजनिति में जिले की अपनी खास पहचान है जिसकी वजह है विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीयमंत्री डॉ चरणदास महंत का गृह जिला होना वहीं दूसरी बड़ी बात है कि यहां कांग्रेस भाजपा और बसपा का बराबरी का दावा होना 06 विधानसभा सीटों वाली इस जिले में अमुमन कांग्रेस भाजपा और बसपा के झोली में दो दो सीट जाती है। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल तथा अविभाजित मध्यप्रदेश की राजनिति के पुरोधा स्व बिसाहुदास महंत के कर्मभुमि में भाजपा और बसपा के उदय के बाद से कांग्रेसियों की निष्ठा पर भी सवाल उठने लगे है । जिसकी सबसे बड़ी वजह यहां के अधिकांश कांग्रेसियो की अर्जुन सिंह वाली तिवारी कांग्रेस या विद्या भैय्या की राकांपा की नाव में सवारी करना था। पंद्रह साल बाद सत्ता में लौटने के बाद भी जिले के कांग्रेसियो की निष्ठा संदेह के दायरे में है विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत के करीबी और कांग्रेस नेता मनहरण राठौर को राज्य सरकार में बड़ी जिम्मेदारी देने की मांग भाजपा के कार्यकर्त्ताओं द्वारा किया जाना सियासी चर्चा का विषय बन चुका है, भाजपाईयों को उपकृत करने का आरोप मनहरण राठौर पर आये दिन लगते है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मनहरण राठौर के शह पर भाजपा बलौदा मंडल के एक उपाघ्यक्ष ने एक कांग्रेस परिवार की सभ्य महिला की छवि को धुमिल करने का प्रयास किया था । इस मामले में भाजपा उपाध्यक्ष को दोषी पाये जाने के बाद उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई थी। बताया जाता है कि पीडित कांग्रेसी परिवार के डॉ महंत से करीबी संबंध है लेकिन डॉ महंत को तकलीफ ना हो इसलिए उन्होंने अब तक डॉ महंत को मनहरण राठौर के कारनामों की जानकारी नहीं दी है । जांजगीर लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी तथा प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रेमचन्द्र जायसी पर भी यही आरोप लग रहे है कि जायसी ने पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्यासी के लिये काम किया था। हाल ही में प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल के जांजगीर दौरे के अवसर पर संगठन के प्रभारी महामंत्री अर्जुन तिवारी ने भी एैसा ही कुछ कहा था कि यहां के नेता नमक पार्टी का खाते है और काम भाजपा के लिये करते है बाद में उन्होंने सफाई भी दी थी कि उनका कहने का आशय कुछ और था बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन इन सब घटनाओं से विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत की छवि जरूर धूमिल हो रही है। डॉ महंत की अपनी एक अलग सोंच है कि किसी भी तरह से कांग्रेसी एक रहें, मगर कांग्रेसियों की आपसी गुटबाजी के साथ मनमुटाव भी लगातार उभर कर सामने आ रहा है, ऐसे में कांग्रेस के मुख्य सेनापति डॉ महंत को अपनी सेना में भी बदलाव की स्थिति निर्मित होते जा रही है, कांग्रेस के कट्टर समर्थकों द्वारा जिले की सभी सीटों में 2023 में परचम लहराने के लिए कड़े कदम उठाने की बातें भी जिले में जोरों पर है।