
कांग्रेस नेताओं की शह पर हो रही खाद की कालाबाजारी
कांग्रेसियों का किसान हितैषी बताने का जोश सिर्फ मौखिक
-भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विवेक रंजन सिन्हा ने कांग्रेसी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
-जल्द रोकें कालाबाजारी को अन्यथा भाजपा उग्र आंदोलन को मजबूर : श्री सिन्हा
रायगढ़ 29 अगस्त
गढ़बो नवा छत्तीसगढ़, राजीव गांधी न्याय जैसे भारी शब्द सिर्फ सुनने में अच्छे लगते हैं। धान का कटोरा छत्तीसगढ़ के लिए मॉनसून सबसे बड़ा फसली सीजन होता है और किसानों को इसी समय खाद की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। जब यही खाद उन्हें गैर वाजिब दामों पर मिले तो सरकार के इरादों को आप समझ सकते हैं। 2018 में जब सरकार बदली थी तब लगा समझ का फेर है लेकिन 2021 में उसी पुराने कांग्रेसी ढर्रे पर सोसायटियों से खाद गायब कर किसानों को ऊंचे दामों में बाजार से खाद खरीदने के लिए विवश करना एक बड़े खेल का हिस्सा है। नेताओ की भागीदारी से किसानों को छलने का खेल तीन साल से बदस्तूर जारी है।
उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य विवेक रंजन सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी किसानों के साथ सदैव खड़ी रही है। खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए पार्टी ने विभिन्न स्तर पर विरोध-प्रदर्शन किया है। श्री सिन्हा ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि अगर स्थानीय विधायक इस कालाबाजारी को यथाशीघ्र नहीं रोकते तो भारतीय जनता पार्टी उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होगी।
विदित हो कि बीते कुछ सप्ताह से जिले में 266 रूपये में मिलने वाला यूरिया खाद का बोरा 600-700 रूपये और डीएपी भी 1200 की जगह 1500 रूपये तक में किसान खरीदनों को मजबूर हैं। अखबार इन खाद की कालाबाजारी की सुर्खियों से पटे पड़े हैं। कृषि विभाग के अधिकारी और कांग्रेसी नेताओं का यह गठबंधन भूमिपुत्रों की परेशानी का सबब बना हुआ है।
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य विवेक रंजन सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस सरकार की शह पर पूरे जिले में खाद की कालाबाजारी हो रही है। खेती का आधा सीजन बीत चुका है और ऐसे में करोड़ो की कालाकमाई इन लोगों ने जोड़ ली है। बीते तीन सीजन से हर साल किसानों को खाद के नाम पर परेशान होना पड़ रहा है। रियायती दाम में मिलने वाले खाद को मंहगे दामों में खदीदने के लिए कांग्रेस सरकार मजबूर कर रही है
कहां हैं विधायक
विवेक रंजन ने आरोप लगाया है कि खुद को किसान का बेटा और किसानों का हिमायती बताने वाले रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक किसानों को लेकर कभी सामने नहीं आए हैं। जिस समय किसानों को खाद की जरूरत है वह दिल्ली घूम रहे हैं। जब किसान उनसे मिलने जाते हैं तो वह नए कामों का फीता काटने में व्यस्त रहते हैं।
कैबिनेट मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल की चुप्पी कई संदेहों को जन्म दे रही है। किसानों के लिए योजना बनाना अलग बात है और उसे अमल में लाना अलग।
दिल्ली दौड़ जनता देख रही है
विवेक रंजन ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेसियों ने जो दिल्ली में दरबार लगाया और जनादेश को आलाकमान के चरणों में समर्पित किया उसे लोग देख रहे हैं। जो वाकया कब्र खोद रहा हो उस पर टिप्पणी करना उचित नहीं। जिस समय तथाकथित किसान प्रेमी नेताओं को किसानों के साथ होना चाहिए तब वह स्वामी भक्ति में लीन हैं। दिल्ली की दौड़ और सारा माजरा जनता देख और समझ रही है। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रहित-लोकहित के लिए कार्य करती है। कोई पार्टी जब अपना ही कुनबा फूंकने पर आमादा है तो उस टीका-टिप्पणी शोभा नहीं देता।