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कुनकुरी पुलिस की एक और कामयाबी- 1 साल पूर्व कुएं के पास किया था शव दफान, आरोपी पहुंचा सलाखों के पीछे…. कैसे खुली पोल पढ़ें पूरी खबर

मामले आज से एक साल पूर्व की है ग्राम जोकारी जोगी टॉपर थाना कुनकुरी के विनोद किरो के द्वारा सूचना दिया गया कि भंडारी चौक स्थित एक कुएं के पास शव के सड़ने की बदबू आ रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम को स्थानीय रहवासियों ने सुशीला कीरो निवासी जोगीटापर का शव जमीन में दफन होने की आशंका जताई थी लेकिन रात हो जाने की वजह से शव को जमीन से निकालने की कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई। दूसरे दिन कुनकुरी के तहसीलदार प्रमोद चंद्रवंशी की उपस्थिति में पुलिस अधिकारियों ने शव को बाहर निकाला। मृतिका के कपड़े से स्वजनों ने शव की शिनाख्त सुशीला कीरो के रूप में किया।
जिस पर थाना कुनकुरी में अपराध क्रमांक103/22 धारा 302,201आईपीसी कायम कर विवेचना में लिया गया था ।

कुनकुरी थाना प्रभारी भास्कर शर्मा के मुताबीक मृतिका के बेटे विनोद किरो ने 9 अगस्त 2021 को उसके मां सुशीला के गुम होने की सूचना दर्ज कराई थी। विनोद कीरो के मुताबिक उसके खुद के पिता की कुछ समय पहले बीमारी से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उसकी मां फ्रांसिस कुल्लू नाम के एक व्यक्ति के साथ रहने लगी थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह उससे अलग हो गई थी। 4 अगस्त को फ्रांसिस,सुशीला के पास पहुंचा था और दोनों के बीच किसी बात को लेकर जमकर विवाद और मारपीट हुआ था। इस घटना के बाद से ही सुशीला गायब हो गई थी। संदेह के आधार पर कुनकुरी पुलिस की टीम ने फ्रांसिस कुल्लू को गांव से खोज कर निकाला। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने सुशीला कीरो की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया। आरोपित ने पुलिस को बताया कि विवाद के दौरान उसने सुशीला की डंडे ,बेलचा, चप्पल से पिटाई की थी इस दौरान सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई थी। उसके बाद रात्रि में शव को छुपाने के उद्देश्य से फ्रांसीसी कुल्लू सुशीला के शव को अपने घर से ले जाकर अक्षय मिश्र के रिंग कुंवा के किनारे फावड़ा से गड्ढा खोदकर दफना दिया था ,पुलिस ने आरोपित फ्रांसिस के विरुद्ध अपराध पाए जाने से गिरफ्तार कर न्यायायिक रिमांड लिया ।
आरोपी के विरुद्ध थाना प्रभारी कुनकुरी भास्कर शर्मा के द्वारा इन्वेस्टिगेशन का कार्य करने पश्चात साक्ष्य सबूत इकट्ठा करके चार्ज शीट पेश किया गया था ।
आरोपी फ्रांसिस कुल्लू के विरुद्ध धारा 302,201आईपीसी का आरोपी अभियोजन की ओर से श्यामा महानंद ने पक्ष रखा और आरोपी के विरुद्ध धारा 302 आईपीसी के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा एवम 1000 रू के अर्थदंड से दंडित किया गया ।एवम धारा 201 आईपीसी के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रुपए से दंडित किया गया ।

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