कुर्सी दौड़ के बाद ‘जय-वीरू’ ने साझा किया मंच, जानें- छत्तीसगढ़ की राजनीति पर क्या होगा असर

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) स्थिति मुख्यमंत्री आवास में तीजा-पोला का भव्य आयोजन किया गया. बीते सोमवार को हुए इस आयोजन में प्रदेशभर की महिलाओं को आमंत्रित कर परम्परागत तरीकों पोला का पर्व मनाया गया. इस विशेष दिन पर मुख्यमंत्री आवास को महिलाओं के लिए मायका बनाया गया था. इन तमाम गितिविधियों के बीच जो तस्वीर सबसे ज्यादा चर्चा में रही वह यह कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ना केवल मंच साझा किया बल्कि अगल-बगल बैठ कर बातचीत भी करते नजर आए.

 

दरअसल, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए अघोषित रूप से ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर बीते दिनों जमकर बवाल मचा था. प्रदेश की राजधानी रायपुर से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक शक्ति प्रदर्शनों का दौड़ चला. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में जहां एक ओर 50 से अधिक विधायकों ने लिख कर दिया, वहीं टीएस सिंहदेव ने आला कमान के भरोसे ही लड़ाई लड़ी. तमाम रस्साकशी के बीच सोमवार को टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल ने मंच साझा कर सबको चौंका दिया.

मुख्यमंत्री ने खड़े होकर किया अभिवादन
तीजा-पोला के आयोजन का मंच सजा हुआ था, सामने सैकड़ों की भीड़ थी. मंत्री-विधायक-सांसद सब के सब कार्यक्रम में मशगूल थे उसी वक्त अचानक सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर सबको चौंका दिया. जब वे मंच पर आए तो मुख्यमंत्री सहपत्नी मंच पर मौजूद सभी ने खड़े होकर टीएस सिंहदेव का अभिवादन किया. बल्कि मंत्री से लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता तक ने टीएस सिंहदेव के लिए कुर्सी खाली कर दी.

सेल्फी लेने की लड़ी होड़
कार्यक्रम के एक भाग के बाद मुख्यमंत्री निवास के भीतर चले गए तो वहीं मंत्री टीएस सिंहदेव कार्यक्रम के मुख्य मंच पर ही समर्थकों के बीच घिर गए मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ सेल्फी लेने की होड़ इतनी मची की करीब एक घंटे तक सेल्फी का सिलसिला चलता रहा. मुख्यमंत्री आवास के भीतर समर्थकों के उत्साह का टीएस सिंहदेव ने भी भरपूर सम्मान किया और इत्मिनान से सबके साथ सेल्फी लेते रहे. इतना ही नहीं पारम्परिक गीतों पर टीएस सिंहदेव अपने आपको थिरकने से भी नहीं रोक पाए.

 

क्या कहता है राजनीतिक समीकरण
राजनीति के जय-वीरू के मंच साझा करने पर राजनीति के जानकार वरिष्ठ राजनीति विश्लेषक बाबूलाल शर्मा कहते हैं कि यह तस्वीर कई दिनों तक याद रखा जाए खासकर एक इस वक्त की राजनीति में. साथ ही यह भी कहा कि कुर्सी का किस्सा चाहे जिसके भी पक्ष में रहे या यथावत रहे मगर दोनों ही नेताओं ने सार्वजनिक मंच पर एक दूसरे के प्रति जो आदर दिखाया है वह राजनीति में नया उदाहरण बनेगा.

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