कोरदा में बुजूर्गो के समय से चली आ रही अनोखा पोला पर्व आज भी कायम

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।

ग्राम कोरदा में हर साल पोला पर्व महोउत्सव मनाने का अनोखी परम्परा है । यहां लगभग 124 वर्षो से चली आ रही परम्परा आज भी कायम है । पोला पर्व को देखने के लिए आसपास लोग लवन, डोंगरा, अहिल्दा, बरदा, जामडीह, कोलिहा, सरखोर, सोलहा, मुण्डा, आदि गांवों के लोग बडी संख्या में लोग देखने के लिये पहुंचते है। शायद पूरे प्रदेश में कही भी ऐसी परम्परा देखने को नही मिलेगी। यहां के लोग माह भर पहले से ही पोला पर्व की तैयारी में जुटे रहते है। पुरूष वर्ग मिट्टी के खिलौना, कागज के फुल, रोटी में बेचने के लिये बनाते है तो वही महिलाएं घर घुंदिया बनाने में लगी रहती है।

उल्लेखनीय है कि कोरदा में पोला पर्व के दिन दोपहर 3 बजे से चलने वाली पोला पर्व रात्रि 8 बजे तक चलती रहती है। इस एक दिवसीय पोला मेला में लगी खिलौने के दुकानो से सिर्फ महिलाये पकवान से खिलौने खरीदते है। पोला के दिन कोरदा गांव की महिलाएं तथा लडकियां अपने घर छोडकर तालाब पार में अपनी बनाई हुई 6 फीट लम्बा चौडा घर घुंदिया में पुडी, बडा, भजिया, ठेठरी, खुरमी पकवान लेकर बैठी रहती है जैसे ही बाजार सज जाता है फिर पकवान से महिलाएं खिलौना लेने के लिए निकलती है।

ज्ञात हो कि यहां पैसे से कुछ नहीं मिलता घर में बने पकवानों ठेठरी, खुर्मी, पुड़ी, इत्यादि रोटियों से खिलौनों की खरीदी की जाती है। पोला पर्व पर लवन क्षेत्र के 20-25 गांवो की महिलाएं गांव कोरदा में सामिल होकर पोला पर्व की आनंद लेती है। जो एकता और भाईचारे की प्रतीक है।
पोला पर्व को आकर्षक और मनोरंजक बनाने के लिए ग्राम पंचायत सरपंच खेतर सिंह ध्रुव के द्वारा घरघुंदिया, मिट्टी व कागज के खिलौने, आकर्षक बैल, बैला कोठा निर्माण सहित में पहला, दूसरा तीसरा आने वाले 15 प्रतिभागियों को नगद ईनाम दिया गया। इसके अलावा अन्य अलग-अलग प्रकार के ईनाम भी रखे गये थे। प्रतिभागियों द्वारा मिट्टी के आकर्षक खिलौने, कागज के डोंगा, फुग्गा, मिट्टी के चिडि़या, नंदी बैला, सहित कई प्रकार की मनमोहक वस्तुएं बनाकर दुकान लगाई गई थी।

कार्यक्रम में क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य भुनेश्वरी तिलक वर्मा मुख्य अतिथि रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच खेतर सिंह ध्रुव ने किया। विशिष्ट अतिथि जनपद सदस्य कोमल वर्मा, मनहरण लाल वर्मा, पंचायत इस्पेक्टर आर.एस.मनहरे रहे। इस मौके पर भुनेश्वरी तिलक वर्मा ने कहा कि कोरदा गांव में पोला पर्व मनाने की परंपरा पूर्वजों के समय से चली आ रही है, जिसे गांव के लोग आज भी बड़ी धूमधाम से मनाते चले आ रहे है। यंहा का पोला पर्व पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्व है। यंहा माताएं, बहने बड़ी संख्या में शामिल होकर पोला उत्सव का आनंद लेती है। रोटी से मिट्टी व कागज के खिलौने लेने की अनोखी परम्परा देखने को मिलती है।

वही, जनपद पंचायत के अधिकारी मनहरण लाल वर्मा ने अपने पिता धनषाय एवं माता स्व. साधोबाई की स्मृति में ग्राम कोरदा के 5वीं, 8वीं, 10, व 12वीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पप्रशस्ति पत्र व पुरूस्कार देकर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने आजीवन पुरूस्कार देने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम में मंच संचालन पिताम्बर वर्मा, मोहन वर्मा ने किया। इस कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य भुनेश्वरी तिलक वर्मा, कोमल वर्मा, आर.एस.मनहरे, मनहरण लाल वर्मा, सरपंच खेतर सिंह ध्रुव, उपसरपंच नंद बाई वर्मा, पंच फागुलाल रात्रे, रज्जू वर्मा, नरेन्द्र वर्मा, चन्द्रमणी वर्मा, खोलबाहरिन वर्मा, दुलारी वर्मा, लक्ष्मीन डहरिया, रूपलाल डहरिया, खेमिन वर्मा, लेखा वर्मा, सरस्वती ध्रुव, ग्रामीणों में थानूराम वर्मा, अजय वर्मा, सालिकराम वर्मा, साधूराम वर्मा, भोजराम वर्मा, गनपत वर्मा, तोलेश वर्मा, जोगेन्द्र वर्मा सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button