
क्या अवैध कारोबारियों के बीच कभी भी हो सकती है गैंग वार?
मनेद्रगढ़ से रईस अहमद की रिपोर्ट –
सरगुजा रेंज के नए आई जी राम गोपाल गर्ग के द्वारा पदभार संभालते ही तमाम थाना क्षेत्रों में ताबड़तोड़ कार्रवाई देखने को मिल रही है और तमाम अवैध कारोबारी चाहे वह सट्टा, जुआ,कबाड़, कोयला हो या अवैध नशीली मादक पदार्थों की कारोबार करने वाले अपराधी हो सभी लोगो डर से एक कोना पकड़ कर शात बैठ गए हैं। लेकिन मनेंद्रगढ़ के थाना प्रभारी अभी इस वक्त थाना में मौजूद नहीं है एक अपराधी को लाते वक्त उनका और उनके टीम का एक्सीडेंट जबलपुर में हो गया था जिस वजह से प्रभारी अपना उपचार रायपुर में करवा रहे हैं और अभी फिलहाल छुट्टी पर चल रहे हैं। जिसका फायदा अवैध कारोबारियों उठा रहे है और तमाम अबैध कारोबारी फिर से शक्रिय हो गए है अपना अवैध कारोबार पुनः प्रारम्भ कर लिए हैं।
वाह रे पैसा!काम चालू किये इन्हे अभी 2 दिन भी नहीं हुआ और इन अवैध कारोबारियों के बीच झगड़े चालू हो गए। सूत्रों की माने तो सट्टे के कारोबार के लिए मनेंद्रगढ़ से चार खोँगापानी से एक और चिरमिरी से दो सट्टा किंग आपस में लड़ रहे हैं और लड़ाई भी क्यों ना हो लगभग रोज का 20 से 25 लाख रुपए का कारोबार जो किया जा रहा है है। वही कबाड़ की बात की जाए तो मनेंद्रगढ़ से 4 और कोरिया चिरमिरी क्षेत्र से 5 कबाड़ कारोबारी आपस में लड़ रहे हैं। मनेंद्रगढ़ से रानी अटारी तक लग रहे जुआ के फड़ो में भी खिलाड़ियों को लेकर जंग जारी है। होटलों और शहर में फिर से अवैध मादक पदार्थ चालू करने के लिए भी अवैध मादक पदार्थ के कारोबारियों में होड़ जारी है। सट्टा और कबाड़ के व्यापारियों का तो यह आलम है कि इनके व्यापारी एक दूसरे को देखना भी नहीं चाहते, हमारे एक सहयोगी ने बिना नाम नहीं प्रकाशित करने के शर्त पर बताया कि खोँगापानी और चिरमिरी के अवैध कारोबारियों को फोन पर एक दूसरे की धमकी दी गई है कि ‘तुम हमारे क्षेत्र में दखलअंदाजी मत करो वरना हम लोग देख लेगे की धमकी आम हो गईं है कलेक्शन के लिए आते हो ना आ तो जाओगे लेकिन वापस घर नहीं पहुंच पाओगे ‘।
अगर सूत्रों की मान कर चले तो इस तरह के किसी वारदात को अंजाम दिया जा सकता है?तो एमसीबी जिला मे पुलिस के आला अधिकारियों को जवाब देना भारी पड़ सकता है नहीं तो समय रहते इन अबैध कारोबारियों पर पुलिस जल्द ही लगाम लगाए नहीं तो किसी भी अप्रिय घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है? और मनेद्रगढ़ के शात फिजा में शहर के दुश्मन कही जहर ना घोल दे?