
जीत की ओर कांग्रेस, जानिए 30 साल से जनता की सेवा करने वाली कौन हैं सावित्री मंडावी
भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में परिणाम कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी के पक्ष में आता नजर आ रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी हैं। सावित्री पेशे से शिक्षक थी। वह वर्तमान में रायपुर में पदस्थ थी।
रायपुर।। भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में परिणाम कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी के पक्ष में आता नजर आ रहा है। सावित्री ने अब तक निर्णायक बढ़त बना ली है। यहां सर्व आदिवासी समाज की ओर से अधिकृत प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम दूसरे और भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम तीसरे स्थान पर हैं। सावित्री का भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र से पिछले 30 साल से नाता है। सावित्री के पति दिवंगत विधायक मनोज मंडावी विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय हैं। मनोज मंडावी को कांग्रेस ने पहली बार भानुप्रतापपुर से 1998 में प्रत्याशी बनाया था। इससे पहले मनोज युवक कांग्रेस और छात्रसंघ की राजनीति में सक्रिय थे। सावित्री ने बताया कि वह मनोज मंडावी के हर कदम में उनका साथ देती थीं। युवा राजनीति से लेकर विधायक बनने और विधानसभा उपाध्यक्ष तक पहुंचने के दौरान भले ही मनोज क्षेत्र में सक्रिय थे, लेकिन घर पर मिलने वालों की समस्या सुनने का काम सावित्री करती थी।
सावित्री ने बताया कि कई बाद मनोज मंडावी घर पर नहीं रहते थे, उस समय लोगों की समस्याओं का आवेदन भी लेती थी, इसलिए राजनीति उनके लिए नया विषय नहीं है। क्षेत्र की जनता का स्नेह जितना मनोज मंडावी को मिलता था, उतना उनको भी मिलता है। पेशे से शिक्षक सावित्री मंडावी बताती हैं कि उनको चुनाव मैदान में उस समय उतरना पड़ा, जब उनके पति का आकस्मिक निधन हो गया। यह उनके लिए दुख की घड़ी थी, लेकिन जनता ने जिस स्नेह से उनका सम्मान किया तो चुनाव मैदान में उतरना पड़ा। कांग्रेस पार्टी ने उन पर भरोसा जताया, जिसके लिए केंद्रीय संगठन, राज्य संगठन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आभारी हूं।
एक नजर में सावित्री मंडावी
सावित्री मंडावी का जन्म 09 जुलाई 1966 में जन्म खरखरा बालोद जिले में हुआ था कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने से पहले रायपुर के कालीबाड़ी में शिक्षक के पद पर पदस्थ थी । 16 अक्टूबर को मनोज मंडावी के निधन के बाद 3 नवंबर को शिक्षक के पद से इस्तीफा दे दिया और 5 नवंबर को इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया जिसके बाद से उपचुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने की अटकलें तेज हो गई। पृष्ठभूमि की बात करे तो राजनीतिक परिवार से आने के कारण मंडावी को राजनीति की बहुत कुछ जानकारी भी है।इनके ससुर हरिशंकर सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार में विधायक रहे हैं। स्व मनोज मंडावी 3 बार भानुप्रतापपुर के विधायक रहे है। राजनीति के साथ-साथ सावित्री मंडावी सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधियो में भी शामिल होती रही है। वर्तमान में इनके छोटे पुत्र अमन मंडावी युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के पद पर आसीन है।
भावुक हो गई थी सावित्री
कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने पांच दिसंबर को अपने बूथ में पहला वोट डालकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस दौरान उनके साथ उनके परिवार के सदस्य भी थे। मतदान के बाद सावित्री मंडावी भावुक हो गईं थी। अपने दिवंगत पति मनोज मंडावी को याद करते हुए आंखों में आंसू आ गए। हालांकि उन्होंने उस समय भी अपनी जीत का दावा किया था।
पेशे से शिक्षक थीं सावित्री, टिकट मिलने से पहले दिया इस्तीफा
कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी हैं। सावित्री पेशे से शिक्षक थी। वह वर्तमान में रायपुर में पदस्थ थी। हालांकि कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी बनाने से पहले सावित्री ने शिक्षक पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद ही यह संभावना प्रबल हो गई थी कि कांग्रेस पार्टी उनको ही प्रत्याशी बनाएगी। सावित्री के बेटे अमन मंडावी वर्तमान में कांकेर जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। यह चर्चा थी कि उम्र में छोटे होने के कारण अमन की जगह सावित्री को कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी बनाया।