
बिलासपुर गोकुल नगर वार्ड 04…:हरछठ व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि जो की आज है. हल षष्ठी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भ्राता बलराम जी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। बलराम जी का जन्मोत्सव श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से दो दिन पूर्व होता है।बलराम को हलधर के नाम से भी जाना जाता है और इसी वजह से इस दिन को हलषष्टी भी कहा जाता है। बलराम जयंती होने के चलते इस दिन किसान समुदाय के लोग खेती के पवित्र उपकरण जैसे मूसल और फावड़ा,हल की पूजा करते हैं जिनका उपयोग भगवान बलराम ने किया था।

हल षष्ठी का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बलराम जयंती, हल छठ या हल षष्ठी का व्रत संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है। यह निर्जला व्रत महिलाएं रखती हैं। हल षष्ठी के दिन व्रत रखते हुए बलराम जी और हल की पूजा की जाती है। गदा के साथ ही हल भी बलराम जी के अस्त्रों में शामिल है ।
हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल छठ, हल षष्ठी या बलराम जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष हल षष्ठी या बलराम जयंती 28 अगस्त दिन शनिवार को है, जबकि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त दिन सोमवार को है।इस अवसर पर व्रतीय माताओ के साथ वे महिलाएं भी व्रत रखी थी जिनकी कामना अपनी गोद भरने की है और जीवन में संतान सुख प्राप्ति की है.
