गंगा में महाजाल: नदी में शव प्रवाह पर रोक, यूपी और बिहार के घाटों पर लगा पुलिस का पहरा

बिहार के बक्सर एवं उत्तर प्रदेश के कोटवा नारायणपुर, उजियार घाट, भरौली गंगा तट पर गंगा नदी में शवों के मिलने के बाद जैसे ही मामला प्रकाश में आया, वैसे ही दोनों तरफ का जिला प्रशासन सक्रिय हो गया। आनन-फानन में सभी शवों को गंगा नदी के किनारे जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफना दिया गया।

बक्सर के जिलाधिकारी अमन समीर ने यूपी बिहार सीमा स्थित चौसा के पास रानी घाट पर गंगा में इस पार से उस पार तक महाजाल डालकर शव को आने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम भी करा दिया। बक्सर प्रशासन के इस कदम से बलिया प्रशासन को भी काफी राहत मिलेगी।

बक्सर प्रशासन की इस कवायद से अब गाजीपुर से आने वाले शव बलिया सीमा में प्रवेश नहीं करेंगे। दूसरी ओर शव के जल प्रवाह पर रोक लगा दी गई है। अब सभी को शव जलाने पड़ेंगे। चौसा प्रखंड के बीडीओ अशोक कुमार ने बताया कि चौसा स्थित यूपी-बिहार सीमा पर रानी घाट पर गंगा नदी में इस छोर से उस छोर तक महाजाल लगा दिया गया है। जिससे कि गाजीपुर की तरफ से आने वाले शव नहीं आ सकेंगे।

महाजाल वाले स्थान तथा चौसा श्मशान घाट पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है। अब कोई भी शव गंगा में प्रवाहित नहीं करेगा। उसे हरहाल में शव को जलाना ही होगा। इसके अलावा जल प्रवाह पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

उधर, नरहीं थाना क्षेत्र के कोरंटाडीह चौकी प्रभारी धर्मेंद्र सिंह भी नाव पर सवार होकर कोटवा नारायणपुर, भरौली, गोविंदपुर गंगा घाटों का निरीक्षण किया तथा पाया कि अभी भी एक दो शव कहीं से बह कर आ गए हैं। चौकी प्रभारी ने बताया कि इधर के घाटों पर पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है तथा शव के जल प्रवाह पर रोक लगा दी गई है। 

बक्सर में पांच शवों को दफनाया गया

बक्सर में पिछले चौबीस घंटे के दौरान पांच शव गंगा में बहते देखे गए। इन सभी को चौसा प्रखंड में तैनात अधिकारियों की देखरेख में बुधवार की सुबह दफनाया गया। जिलाधिकारी अमन समीर ने बुधवार को चार गश्ती दल बनाए हैं जो बक्सर के अहिरौली घाट से लेकर चौसा के रानी घाट तक नाव के सहारे गश्त करेंगे। अगर कहीं इस तरह के शव गंगा में बहते नजर आए तो उन्हें समय रहते दफनाया जा सके। 

 प्रशासन ने आम जन से आग्रह किया है कि गंगा को प्रदूषित होने से बचाएं। अगर मरीज की मौत कोविड से होती है तो उनका अंतिम संस्कार सरकार अपने खर्च पर कराएगी। वहीं गरीब परिवारों को तीन हजार रुपये कबीर अंत्येष्टि योजना से देने की बात कही गई है।

गाजीपुर में घाटों पर नहीं दिखे शव, नाव से गश्त करती रही पुलिस

गाजीपुर जिले के गहमर एवं करंडा थाना क्षेत्र के विभिन्न गंगा घाटों के किनारे दो दिनों तक मिले शव अब नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। जमानिया के बरुइन नई बस्ती, तलाशपुर मोड़, देवड़ी एवं करमहरी गांव के पास बैरियर लगाकर मार्ग सील कर दिया गया। बिहार से आने वाले शवों पर रोक लगा दी गई है। पुलिस नाव से गंगा घाटों पर गश्त करती रही। वहीं करंडा के धरम्मरपुर गंगा घाट किनारे मिले 123 शवों को मंगलवार की देर रात तक दफना दिया गया है। 

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