छत्तीसगढ़ अपडेट – मानसून काल के आखिरी दिन का वर्षा ने बनाया नया रिकॉर्ड

अंबिकापुर मानसून सीजन के अंतिम 24 घंटे के दौरान अंबिकापुर में हुई मूसलाधार वर्षा पिछले 52 वर्ष के दौरान सर्वाधिक दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार 29 सितंबर को अंबिकापुर में करीब 38 मिमी वर्षा हुई।

इससे पहले 30 सितंबर 2012 को आखिरी दिनों में सर्वाधिक 34.2 मिमी वर्षा का कीर्तिमान स्थापित था। इस तरह गुरुवार की वर्षा में यह कीर्तिमान पीछे रह गया।

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार भारत में मानसून का आरंभ जून के पहले सप्ताह तक दक्षिण राज्य केरल के मुहाने से होता है और इसकी वापसी पश्चिमी राजस्थान से सितंबर के पहले पखवाड़े से प्रारंभ होती है। इस कारण से ही भारत में मानसून काल जून से सितम्बर के चार माह की अवधि को माना गया है। छत्तीसगढ़ सहित मध्य,पूर्व और दक्षिण के राज्यों हालांकि मानसून का प्रभाव अक्टूबर के प्रारम्भ में भी रहता है लेकिन मौसमी विभाजन के कारण एक अक्टूबर के बाद दर्ज की गई वर्षा मानसून के बाद की वर्षा मानी जाती है। इसलिए एक जून से 30 सितम्बर की अवधि की वर्षा ही मानसून कालीन वर्षा होती है।

उपग्रह से मिले आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में अभी मानसून सक्रिय है तथा खाड़ी में बनने वाले चक्रवाती परिसंचरण से लगातार नमी की आपूर्ति यहां हो रही है। अभी एक नया परिसंचरण उत्तर पूर्वी बंगाल की खाड़ी में जन्म ले रहा है जो अगले दो तीन दिनों में अपने प्रभाव से छत्तीसगढ़ के मौसम को प्रभावित करेगा। इस दौरान उत्त्तरी छत्तीसगढ़ में गरज चमक के साथ वर्षा की संभावना है।

देर से हुई वर्षा ने फसलों को दी जान

इस वर्ष उत्तर छत्तीसगढ़ में मानसून विषम रहा है। सामान्य दिनों में मानसून तो सक्रिय हुआ लेकिन इसके बावजूद जून और जुलाई में सरगुजा संभाग के कई जिलों में प्रायः अवर्षा की स्थिति बनी रही। इस अवधि में सरगुजा संभाग में वर्षा मात्रा में 70 प्रतिशत से भी अधिक की कमी रही थी जिससे सूखे का संकट गहरा गया था। वर्षा न होने के पीछे का कारण शुरुआती मानसून की तरंगों के उत्तर छत्तीसगढ़ की ओर न मुड़ कर लगातार दक्षिण की ओर ही गतिमान रहना बताया गया। बहरहाल जुलाई के आखिरी और अगस्त के प्रारम्भ से खाड़ी के उत्तर पश्चिम में उत्पन्न चक्रवाती ताकतवर घेरों से मानसून द्रोणी अपने सामान्य अवस्था की ओर बढ़ीं जिससे उत्तर छत्तीसगढ़ में वर्षा की अनुकूल स्थितियां निर्मित हुईं।

इससे धान की फसलों में नई जान आ गई और गअगस्त और सितम्बर में हुई व्यापक वर्षा से किसानों एवं लोगों की चिंता दूर हुई। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अंबिकापुर नगर में मानसून काल में कुल 1052.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसमें जून में 125.1 मिमी, जुलाई में 164.1 मिमी, अगस्त में 436.2 मिमी तथा सितम्बर में 327.1 मिमी वर्षा दर्ज हुई है।

अंबिकापुर नगर की औसत मानसूनी वर्षा मोटे तौर पर लगभग 1200 मिमी है। इस वर्ष 1200 मिमी की तुलना में 1052.5 मिमी ही वर्षा हुई। अर्थात नगर की वर्षा औसत से कम रही। इसमें 147.5 मिमी (12.3%) की कमी रही। किसी क्षेत्र में औसत वर्षा से 19 प्रतिशत कम या अधिक तक की वर्षा सामान्य मानी जाती है। इस लिहाज से अंबिकापुर नगर की वर्षा इस वर्ष सामान्य मानी जाएगी।

सितंबर में 20 वर्षा दिवस का रिकार्ड

किसी क्षेत्र का वर्षा दिवस उस दिन को कहा जाता है जिस दिन वहां 24 घण्टों में 2.5 मिमी या अधिक वर्षा होती है। इस दृष्टिकोण से भी इस वर्ष सितम्बर ने कुल 26 दिन की वर्षा में 20 वर्षा दिवस के साथ नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। इसके पहले सितम्बर में सर्वाधिक 18 वर्षा दिवस का कीर्तिमान

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