
छत्तीसगढ़ की बात! ‘सैरगाहों’ में शराब…विपक्ष मांगे जवाब…कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाना कितना जायज?
रायपुर: भाजपा जिसने प्रदेश में 15 साल तक राज किया और प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी नहीं की। वहीं विपक्ष में आने के बाद से लगातार प्रदेश सरकार को शराबबंदी के मुद्दे पर जमकर घेरती रही है। वजह है कांग्रेस पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने मेनीफेस्टो में शराबबंदी का वादा किया था। इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को एक बार फिर कटघरे में खड़ा किया है। वजह है प्रदेश कैबिनेट ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंडल के मोटल और कॉटेज को लीज पर देने और वहां होटल और बार की सुविधाएं देने का फैसला किया है। जवाब में कांग्रेस का कहना है भाजपा को तो ये पूछने का हक ही नहीं है?
26 मोटल और कॉटेज में मिलेगी बार जैसी सुविधा
प्रदेश की भूपेश कैबिनेट ने एक फैसला लिया कि छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के 26 मोटल और कॉटेज में होटल और बार की सुविधा भी मिलेगी, जिसके लिए इसी माह के अंत तक टेंडर निकाले जाएंगे। सरकार का प्लान है कि 26 मोटल और कॉटेज को 30 साल के लीज पर दिया जाए। अभी तक राज्य के केवल 3 मोटल-कॉटेज को ही लीज पर दिया गया है। ये देखा गया है कि लंबी लीज के चलते कंपनियां संबंधित स्पॉट पर फिलहाल कोई नया निवेश नहीं करना चाहती। इसलिए लीज को लेकर ये नया प्लान लाया गया है। विभाग का मानना है कि इससे आय के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
शराब के पैसे से विकास कराना चाहती है कांग्रेस
ये भी सच है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के 15 साल के कार्यकाल में कई मोटल और कॉटेज बने, कई स्कीम्स भी लाईं। उनका मैनटेंनेंस भी करोड़ों का है फिर भी स्थानीय और बाहरी पर्यटकों को इस ओर खींच नहीं पाईं। नतीजा ये कि कई मोटल और कॉटेज बर्बाद हो गए, इसीलिए कांग्रेस सरकार ने 12 पूर्ण रुप से ठीक और 14 मेंटनेंस मांग रहे मोटल-कॉटेज को लीज पर देने का निर्णय लिया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का आरोप है कि शराबबंदी की बात कहकर कांग्रेस सरकार आज केवल शराब के पैसे से विकास कराना चाहती है, जिसपर कांग्रेस ने पलटवार किया है।
कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाना कितना जायज?
तय है कि छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में देशी-विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए बेहतर सुविधा तो देनी होगी। सत्तापक्ष का तर्क है कि ये सुविधाएं सरकार की बजाय निजी कंपनियां बेहतर दे सकती है। साथ ही कांग्रेस का ये भी आरोप है कि विकास और सफल संचालन के लिए केंद्र की भाजपा सकरकार भी तो सरकारी संपत्तियों को बेच या लीज पर देने का काम कर रही है। ऐसे में क्या उसका कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाना जायज है?