छत्तीसगढ़: बेकाबू हुई जंगल की आग, 24 गांवों के ऊपर मंडरा रहा खतरा, अफसर बेपरवाह
छत्तीसगढ़ के गुरूघासीदास टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एक सप्ताह से भीषण आग जंगल में कहर बरपा रही है। आग बढ़ते हुए 24 गांव की सीमाओं तक पहुंच गई है। बताया जाता है कि महुआ बीनने आने वाले लोगों ने पेड़ के नीचे सफाई के लिए आग लगाई थी। बाद में यह आग पूरे जंगल में फैल गई। चांदनी बिहारपुर स्थित रेंज कार्यालय भी आग की चपेट में आने वाला था। हालांकि शनिवार रात ग्रामीणों व चौकीदारों ने कड़ी मशक्कत के बाद यहां आग पर काबू पाया। फिलहाल दफ्तर तो बच गया है, लेकिन अभी भी आग जंगल में फैली हुई है और जंगली जानवर भी चपेट में आ रहे हैं।
मध्य प्रदेश के जंगलों से इधर आ रही है आग
सूरजपुर जिले के दूरस्थ ग्राम चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में एक सप्ताह से जंगल में भीषण आग लगी हुई है। यह इलाका टाइगर रिजर्व में शामिल है और संरक्षित क्षेत्र है। आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग द्वारा प्रयास नहीं किया जा रहा है। ऐसे में जंगल के आस-पास स्थित ग्रामीणों के घर अब आग की चपेट में आ सकते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आग के डर से जानवर गांव की तरफ आने लगे हैं। इसके बाद भी टाइगर रिजर्व और वन विभाग के अफसर मुख्यालय में नहीं रह रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार आग मध्य प्रदेश की जंगलों की तरफ से इधर आ रही है। मैदानी स्तर पर आग बुझाने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है। आग लगाने वालों का भी पता नहीं चल पा रहा है। टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के फोन बंद मिले, जिससे उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।
24 गांव प्रभावित, दहशत में ग्रामीण
टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अवन्तिकापुर, कोल्हुआ, महुली, कछवारी, चोंगा, खैरा, कसौटी, पेंडारी, पासल, नवडिहा, कछिया, जुडवनीया, मोहरसोप, बसनरा, खोहिर, बैजनपाठ, लुल, तेलाईपाठ, भून्डा, रसौकी, रामगढ़, उमझर, पालकेवरा, छतरंग, बाक, कुदरगढ़ के जंगल आग की चपेट में आकर जल रहे हैं। इससे गांवों में धुंआ भर रहा है। वहीं इससे वे ग्रामीण दहशत में हैं, जिनके घर जंगल किनारे हैं। उन्हें इस बात का डर है कि जंगल का आग कहीं उनकी झोपड़ियों तक न पहुंच जाए। जंगल में वन्यजीव भागकर आबादी इलाके में पहुंच रहे हैं। उनसे भी लोगों को खतरा है।