
छत्तीसगढ़ सीएम बघेल कल बांटेंगे 2.35 करोड़ रुपए, आपके पास भी है कमाई का मौका, जानें- तरीका
रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) 21 नवम्बर को दोपहर 12 बजे 2 करोड़ 35 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन उन हितग्राहियों को जारी करेंगे, जिन्होंने गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) के तहत गोबर से जुड़ा काम किया है. योजना से जुड़े पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 2 करोड़ 35 लाख रुपए की ये राशि दी जाएगी. बीते एक नवम्बर से 15 नवम्बर तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत खरीदे गए गए 1 लाख 9 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी सरकार ने की है. इसके एवज में ही 2 करोड़ 4 लाख रुपए भुगतान तथा गौठान समितियों और महिला समूहों को 31 लाख रुपए की लाभांश राशि बांटी जाएगी.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में ग्रामीणों से 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गोबर की खरीदी राज्य सरकार कर रही है. राज्य में इस योजना की शुरुआत 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व से हुई थी. 20 जुलाई 2020 से लेकर 31 अक्टूबर 2021 तक की स्थिति में 54.76 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी का दावा राज्य सरकार ने किया है. राज्य सरकार द्वारा बताया गया कि 31 अक्टूबर 2021 तक गोबर बेचने वालों को 109 करोड़ 52 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है.
खाद बनाकर बेच रही सरकार
राज्य सरकार का दावा है कि गोबर से महिला स्व सहायता समूह बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं. महिला समूहों द्वारा गौठानों में अब तक 9 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट तथा 4 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर प्रदाय किया जा रहा है. महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रहीं हैं.
कैसे होगी आपकी कमाई?
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में रहकर गोधन न्याय योजना का लाभ आसानी से लिया जा सकता है. पशुपालन से जुड़े लोग इस योजना का सीधे लाभ ले सकते हैं. सरकार के खरीदी केन्द्र तक जाकर 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर बेचा जा सकता है. इसके अलावा शहरी इलाकों में रहने वाले लोग भी इसका लाभ गोबर से बनी वस्तुएं जैसे अगरबत्ती, मूर्तियां, उपले, दीया, खाद, वर्मी कंपोस्ट का व्यापार कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं.