
कांकेर। चिटफण्ड कम्पनी द्वारा हड़पी गई गरीबों के हक की रकम को वापस दिलाने शासन की पहल और न्यायालय के आदेश के बाद नीलाम की जा रही अनमोल इंडिया कंपनी की जमीन को कम दाम में खरीदने बनाये गए व्यपारियों के रिंग का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। व्यपारियों ने कम दाम में जमीन को खरीदने शहर के एक निजी होटल ने नीलामी ने पहले बैठक आयोजित की, जिस सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद प्रशासन ने नीलामी में खरीदी गई जमीन की प्रकिया को निरस्त कर दिया है। 11 अप्रैल को अनमोल इंडिया कम्पनी की जमीनों की नीलामी की गई थी, जिसमें बेवरती की साढ़े 12 एकड़ जमीन को मात्र 86 लाख रुपये में खरीदा गया था, वही एनएच 30 से लगे गोविंदपुर की 50 डिसमिल जमीन मात्र 1 लाख रुपये डिसलिम की कीमत पर 50 लाख में बिकी थी। जिसके बाद से शहर में प्रशासन और व्यपारियों की मिलीभगत की बातें सामने आ रही थीं। इस बीच प्रशासन ने नीलामी के पूर्व व्यपारियों की बैठक के मसले को गम्भीरता से लेते हुए होटल की सीसीटीवी फुटेज जांच की जिसमें यह बात सही साबित हुई कि नीलामी के पूर्व व्यपारियों ने रिंग बनाने बैठक की थी, जिसके बाद तहसीलदार आनन्द नेताम ने नीलामी को निरस्त कर दिया हैं। एक तरफ प्रदेश सरकार गरीबो के हक का पैसा वापस दिलवाने भरसक प्रयास कर रही है, वही दूसरी तरह शहर के पूंजीपति वर्ग के लोग सरकार के इस पहल में भी अपनी जेब गर्म करने का रास्ता ढूढने में लगे हुए है। हालांकि प्रशासन ने तत्काल एक्शन ने पूंजीपतियों की इस मंशा पर पानी फेर दिया है।














