
जागरूकता अभियान • आयुष हेल्थ व वेलनेस सेंटर बुंनगा में विभिन्न गतिविधि का संचालन
डॉ. अजय नायक आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी (एम एस) ने बताया कि आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनने के बाद बंनगा में विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं जिससे एक एक व्यक्ति को आयुर्वेद चिकित्सा एवम उसके लाभ से जरूरी जानकारी दिया जा रहा है शासन की मंशा के अनुरूप सभी गतिविधि का संचालन किया जा रहा है प्रतिदिन सुबह योग प्रशिक्षक दुलामणि रजक के द्वारा योगाभ्यास किया जाता है जिसमे लगभग 20 से 30 लोग 2 घंटा योग के विभिन्न आसन सीखते हैं स्कूल में योग शिविर का आयोजन किया जाता है स्कूल के बच्चों के लिए हर माह हेल्थ चेकअप किया जाता है जीवन शैली में बदलाव हेतु प्रति माह एक सत्र का आयोजन किया जाता है जिससे मनुष्य आयुर्वेद शैली को अपने जीवन का हिस्सा बनाने लगे है। जैसे दिनचर्या रितु चर्या रात्रिचर्या आहार विधि खान पान आदि के बारे में जानकारी दिया जाता है जिससे की लोग अपने जीवन में स्वास्थ्य रहने के विभिन्न उपाय या परहेज करने लगे हैं औषधी पौधों के बारे मे जानकारी दी जाती है जिससे उनके गुणधर्म को बता कर घरेलू उपचार के लिए प्रेरित किया जा रहा है बारिश के मौसम आने पर पौधा वितरण किया जाता है जैसे अभी 50 नग मूंनगा 15 नग नींबू 15 नग अमरूद 10 नग करंज 10 नग खम्हार 10 नग कटहल 10 नग जामुन घृतकुआरी तुलसी आमला अर्जुन आम शमी इत्यादि पौधों को वितरित किया गया एवम हर्बल गार्डन में लगाया गया है ओपीडी में आने वाले रोगियों की नियमित बीपी एवम शुगर जांच किया जाता है एवम जरूरी सुझाव दिए जा रहे हैं हर गुरुवार को वृद्धजनों के लिए निशुल्क सियान जतन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है मितानिन लोगों को आयुर्वेद से जुड़े रहने एवम जन जन पहुंचे उसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में नकारात्मक प्रभाव नहीं के बराबर है। आज हर घर में आयुर्वेद से संबंधित कुछ ना कुछ होता है। पहले जमाने में पारंपरिक वैद्य घरेलू उपचार हेतु जड़ी बूटियों का उपयोग करते थे जिससे गांव में छोटी मोटी बीमारी का उपचार कम पैसे से कर लेते थे जैसे लौंग, इलायची, अदरक, काली मिर्च, हल्दी इत्यादि का उपयोग करके आराम होते हैं नीम लँग घी हींग मेथी शहद, देशी गाय का घी, मौसमी फल, सब कुछ प्राकृतिक स्रोत होता था और मनुष्य स्वस्थ रहते थे।
उन्होंने बताया कि समय के अनुसार परिवर्तन होना स्वाभाविक सी बात है। बीच में एक ऐसा दौर आया जहां पर इंसान प्राकृतिक विधाओं से दूर होता गया, जिससे वह दिन प्रतिदिन रोगों से ग्रस्त होते चला गया, लेकिन आज कल धीरे-धीरे फिर से उसी जीवन शैली की अपना रहे है व प्राकृतिक संपदा का उपयोग कर लोग बढ़ने लगे हैं। आयुर्वेद को अपनाने लगे हैं।अगर हम उत्तम स्वास्थ्य चाहते हैं तो हमें आयुर्वेद को अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाना होगा योग और आयुर्वेद में गहरा संबंन्ध है पौधा वितरण कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला पंचायत सदस्य श्री आकाश मिश्रा सरपंच श्रीमती कस्तूरी सिदार प्रेम बाई हरिप्रिया पदमा मेहर तुलसी गुप्ता संध्या साव रामेश्वरी रजक सुमिंतरा चंद्रिका शाहोद्र संतोषी मालती भोजकुमार मालाकार राजेश साव ग्रहण मैत्री दयानंद पटेल असीम मिश्रा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे डॉक्टर अजय नायक ने सभी का आभार व्यक्त किया एवम लोगों को अधिक से अधिक योग एवम आयुर्वेद को अपनाने के लिए गुजारिश किया