
झीरमघाटी कांड: कौशिक बोले- रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं करते, भूपेश ने कहा- BJP जांच क्यों होने नहीं देना चाहती
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भूपेश बघेल सरकार पर झीरम मामले को लेकर एक बार फिर हमला बोला। कौशिक ने कहा कि आखिर कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री झीरम मामले को क्यों ओपन नहीं करना चाहते। जांच पूरी होने के बाद प्रतिवेदन प्रस्तुत हो गया है। सरकार की जवाबदारी थी कि उसे विधानसभा में पेश कर सार्वजनिक किया जाता, लेकिन भूपेश सरकार द्वारा रिपोर्ट को दबाने और लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। आखिर सरकार इसे क्यों रोकना चाहती है। आनन-फानन में अलग कमेटी बनाना और जांच की घोषणा करने से मामला संदिग्ध हो रहा है।
धरमलाल कौशिक ने कहा कि नई कमेटी बनाने से पुरानी जांच की वैधानिक स्थिति क्या होगी। इस बात को लेकर कोर्ट द्वारा स्टे दिया गया है। झीरम मामले के सच को उजागर करना, दोषियों पर कार्रवाई करना, परिवार को न्याय दिलाना है, लेकिन कांग्रेस की सरकार मामले को दबाना चाहती है। पुरानी जांच आयोग द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया है, उस प्रतिवेदन को पटल पर नहीं रखा जाना। विधानसभा में सार्वजनिक नहीं करना अनेक प्रश्नचिन्हों को जन्म दे रही है। आखिर क्यों इस मामले से भूपेश सरकार भाग रही है। सरकार जानबूझकर झीरम के मामले में लीपापोती कर रही है।
जांच में लगातार अड़ंगा डाल रही भाजपा
23 मई को बस्तर रवाना होने से पहले सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि केस एनआईए (National Investigation Agency) से वापल लेने की बात होती है तो भारत सरकार देती नहीं है। दूसरा एफआईआर दर्ज होता है तो एनआईए कोर्ट चली जाती है। न्यायिक जांच आयोग की जांच को रोकने भाजपा के नेता प्रतिपक्ष खुद कोर्ट चले जाते हैं। केंद्र में भाजपा की सरकार है। हाईकोर्ट में जाने वाले भाजपा के लोग हैं। प्रदेश और देश के लोग भलीभांति समझ रहे हैं। आखिर किसे बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आखिर झीरम में क्या है, जो सच को छिपाना चाहते हैं। भाजपा लगातार अड़ंगा डाल रही है।
परिवर्तन यात्रा में मारे गए थे 29 लोग
25 मई 2013 को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने हमला किया था। इस हमले में तत्कालीन PCC चीफ नंदकुमार पटेल उनके बेटे दिनेश पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 25 से अधिक कांग्रेस नेताओं की हत्या की गई थी। झीरम घाटी की घटना को देश में अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक पार्टी पर हमला माना जाता है। इस हमले में कुल 29 लोगों की मौत हुई थी।
नवंबर-2021 को नए आयोग का हुआ गठन
भाजपा की डॉ. रमन सिंह सरकार ने 28 मई 2013 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में झीरम घाटी हत्याकांड पर जांच आयोग का गठन किया था। 30 सितंबर 2021 को आयोग का कार्यकाल खत्म होने के बाद 11 नवंबर 2021 को आयोग के सचिव एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) संतोष कुमार तिवारी ने राज्यपाल अनुसुईया उइके को रिपोर्ट सौंप दी थी। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की बजाए 11 नवंबर 2021 को ही एक नया दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया।