सांसद के बाद अब डिप्टी सीएम से हुई शिकायत, ट्रांसफर के बाद भी घरघोड़ा एसडीएम का पद न छोड़ने का मामला गरमाया…
श्रमजीवी पत्रकार संघ ने की त्वरित कार्यवाही की मांग…
घरघोड़ा: सांसद से शिकायत के बावजूद कोई ठोस कदम न उठाए जाने के बाद अब श्रमजीवी पत्रकार संघ ने सीधे डिप्टी सीएम अरुण साव को घरघोड़ा के एसडीएम के खिलाफ लिखित शिकायत सौंपी है। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब स्थानांतरण के बावजूद एसडीएम महीनों से अपने पद पर बने हुए हैं, जो अफसरशाही की बढ़ती धौंस और प्रशासनिक नियमों की अनदेखी का प्रतीक बन चुका है। बताया जा रहा है कि घरघोड़ा एसडीएम का स्थानांतरण कई महीने पहले ही हो चुका है, परंतु उन्होंने अभी तक पद नहीं छोड़ा है। जनप्रतिनिधियों और आम जनता द्वारा विरोध और शिकायतों के बाद भी एसडीएम का घरघोड़ा में पद पर बने रहना नियमों का खुलेआम उल्लंघन है। श्रमजीवी पत्रकार संघ ने इसे गंभीरता से लेते हुए अब इस मामले की शिकायत डिप्टी सीएम से की है।
*सांसद को ज्ञापन, लेकिन परिणाम शून्य….*
इसके पहले श्रमजीवी पत्रकार संघ ने जनता के विरोध के साथ मिलकर सांसद राधेश्याम राठिया को ज्ञापन सौंपा था। पत्रकार संघ ने मांग की थी कि एसडीएम को तुरंत कार्यमुक्त कर उनके स्थानांतरित स्थान पर भेजा जाए। हालांकि, दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी सांसद द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। अब डिप्टी सीएम अरुण साव के पास मामला पहुंचने के बाद सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारी पर कब और क्या कार्रवाई होती है।
*प्रशासनिक धौंस और जनता का विरोध…*
यह मामला केवल एक अधिकारी के पद पर बने रहने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक नियमों की अवहेलना का एक गंभीर उदाहरण है। पत्रकार संघ और जनता का सवाल है कि अगर एक स्थानांतरण आदेश का पालन नहीं हो सकता, तो शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर क्या विश्वास किया जा सकता है?
बहरहाल अब देखना यह होगा कि डिप्टी सीएम की शिकायत पर क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या यह मामला प्रशासनिक सख्ती से निपटाया जाएगा या फिर इसे भी पूर्व शिकायतों की तरह दरकिनार कर दिया जाएगा।