सेवानिवृत्त शिक्षक स्वर्गीय बघेल ने दिए अपने नेत्रदान


दिनेश दुबे
आप की आवाज
दो लोगों के जीवन की रोशनी के लिए स्व. लोकनाथ बघेल कर गए नेत्रदान
दो नेत्रहीनों को रोशनी देगी स्व. लोकनाथ बघेल की आंखें
बेमेतरा— शिक्षक का काम सिर्फ स्कूल में बच्चों की पढ़ाई तक ही सीमित नहीं होता है बल्कि एक शिक्षक जीवनभर अपने अनुभव व ज्ञान के बदौलत अशिक्षा व अज्ञानता के अंधेरे को दीपक की तरह जल कर दूसरों की जिंदगी में उजाला भी प्रदान करता है। लेकिन आज हम एक ऐसे सेवानिवृत्‍त शिक्षक के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍होंने मरकर भी दो नेत्रहीनों की जिंदगी को रोशनी देने की प्रेरणादायी शिक्षा प्रदान की है। जिले के साजा ब्‍लॉक के ग्राम मोहतरा के रहने वाले 75 वर्षीय सेवानिवृत्‍त शिक्षक लोकनाथ बघेल के परिजनों ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी आंखें दान कीं हैं। उनके पुत्र विनोद बघेल के अनुसार उनके पिता मरणोपरांत अपनी आंखें दान करना चाहते थे। विनोद बघेल स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में सहायक नेत्र अधिकारी के रुप में साजा अस्‍पताल में कार्यरत हैं।
विनोद ने बताया, “मेरे पिता कुछ दिनों से अस्‍पताल में भर्ती थे। उनको ब्रेन हेमरेज होने के बाद उनका इलाज दुर्ग के अस्‍पताल के में चल रहा था। रविवार की रात लगभग ढाई बजे पिता लोकनाथ बघेल का निधन हो गया। विनोद ने बेमेतरा जिला अस्‍पताल व सीएचसी साजा के आई बैंक की टीम को पूर्व में ही नेत्रदान करने की सूचना दे दी थी। रविवार को ग्राम मोहतरा में मृतक सेवानिवृत्‍त लोकनाथ के निधन के पश्चात परिजनों के द्वारा नेत्रदान करने की सूचना जिला अस्पताल अंधत्‍व निवारण समिति नोडल अधिकारी डॉ. श्रीमती समता रंगारी को दी गई। इसके बाद सक्षम अधिकारियों की अनुमति लेकर नेत्र विशेषज्ञ डॉ. नरेश चंद्रलांगे की सहमति के बाद नोडल अधिकारी डॉ. समता रंगारी व जिलाअस्पताल व सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र साजा के आई बैंक की प्रशिक्षित टीम ग्राम मोहतरा पहुंची। जहां पर सहायक नोडल अधिकारी विजय देवांगन, नेत्र सहायक राकेश साहू, ओटी टेक्‍निशियन धिव कुमार सहित टीम ने रविवार की सुबह 3 घंटे के भीतर कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए नेत्रदान की प्रक्रिया को पूर्ण कराया। मेडिकल ऑफिसर डॉ. अविनाश मार्कंडेय द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया।“
इस बारे में डॉ. रंगारी ने बताया,“जरुरतमंद लोगों को आईबैंक में संपर्क करना चाहिए। चयनित हितग्राहियों को मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क कोर्निया ट्रांसप्लांट करने की व्यवस्था की जाती है। उन्होंने बताया, ऐसे नेत्र रोगी जिनकी आंखों की पुतली में सफेदी हो उनको कोर्नियां ट्रांसप्लांट की आवश्यकता के लिए आई बैंक में संपर्क करना चाहिए।“ नेत्रदान के पश्चात नेत्र सहायक अधिकारी राकेश साहू द्वारा दोनों आंख को सुरक्षित तरीके निकाल कर आइस बॉक्‍स में 8 डिग्री तापमान को मेंनटेन करते हुए मेडिकल कालेज रायपुर के आई बैंक में जमा करादी गयीं।
नेत्रदान के दौरान मृतक के तीनों पुत्र विनोद कुमार, नंद कुमार व नरोत्तम बघेल व परिजन मौजूद थे। स्व. लोकनाथ बघेल के पुत्रों ने नेत्रदान को सभी के लिए प्रेरणा बताया। नंद कुमार के मुताबिक जिसका नेत्रदान कराना हो, उसकी मृत्यु के बाद अनेक सावधानी बरतनी पड़ती हैं। अगर ये सावधानी न बरती जाएं तो नेत्रदान कराने में मुश्किल आ सकती है। नरोत्तम बघेल ने बताया, स्व. लोकनाथ बघेल के नेत्र दो नेत्रहीनों को लगाकर उनके जीवन में उजाला किया जाएगा। उन्होंने जन साधारण से आह्वान किया है नेत्रदान को अपने परिवार की परंपरा बनाएं।
ये बरतें सावधानियां
1 – मृत्यु के छह घंटे के अंदर नेत्रदान कर देनी चाहिए।
2 – नेत्रदान होने तक मृतक की आंखों पर रूई के फोहे रखें।
3 – मृतक के ऊपर पंखा न चलाएं, एसी हो तो चला दें।
4 – मृतक के सिर के नीचे तकिया रखें।
इन नंबरों पर करें संपर्क
जिला नोडल अधिकारी डॉ. श्रीमती समता रंगारी के अनुसार अगर कोई अपने परिजनों का नेत्रदान कराना चाहता है वह नेत्रदान के लिए सूचना दे सकते हैं। इसके लिए सभी ब्‍लॉक स्‍तर पर सीएचसी में नेत्रदान के लिए प्रशिक्षित टीम होते हैं। जिले में नेत्रदान के लिए मोबाइल नंबर – 9893163959, 8839199767, 8120705868 पर संपर्क कर सकते हैं।
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