डबल मर्डर के आरोपी पूर्व विधायक अनूप साय को हाईकोर्ट से मिली जमानत, अवैध रिश्ता छिपाने मां बेटी के हत्या का आरोप को, रायगढ़ न्यायालय में सुनाई गई थी उम्रकैद की सजा

रायगढ़! डबल मर्डर कांड में उम्रकैद की सजा काट रहे ओडिशा के पूर्व विधायक अनूप साय को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है आरोपी को रायगढ़ सत्र न्यायाधीश में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 और 201 के तहत आजीवन कारावास और धारा 120 बी के तहत सात साल की सजा सुनाई थी। फिलहाल हाईकोर्ट से आरोपी को जमानत पर छोड़ा गया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने 13 फरवरी, 2020 को कल्पना दास और उसकी बेटी बबली की हत्या के आरोप में अनूप साय और उसके ड्राइवर टोप्पो को गिरफ्तार किया था। दोनों महिलाओं की 5 मई 2016 को हत्या कर दी गई थी और उनके शव रायगढ़ जिले के हमीरपुर जंगल के पास बरामद किए गए थे। मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि सड़क दुर्घटना का रूप देने के लिए हत्या के बाद शव को वाहन द्वारा कुचल दिया गया था। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या की वजह स्पष्ट हो गई।पहले मृतका कल्पना के मोबाइल फोन का पता चला तो उसके फोन रिकॉर्ड से शक विधायक की तरफ गया। इसके बाद पुलिस को 2017 में पूर्व विधायक के खिलाफ सबूत मिले और उन्हें गिरफ्तार करने में उन्हें तीन साल लग गए। आरोपी पूर्व विधायक अनूप और ड्राइवर पर आईपीसी की धारा 302, 201, 120 (बी) और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। मुकदमा 2020 में शुरू हुआ और अदालत ने 50 गवाहों के बयान दर्ज किए जिसके आधार पर साय को दोहरे हत्याकांड में दोषी पाया गया। हालांकि, पूर्व विधायक टोप्पो के ड्राइवर को संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। अभियोजक मामले में चालक की संलिप्तता को स्थापित करने में विफल रहा, जिसके कारण उसे बरी कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खबरों के साय कथित तौर पर 2011 से कल्पना के साथ रिश्ते में था, लेकिन जब कल्पना ने शादी के लिए जोर दिया तो उसने उसे खत्म करने की साजिश रची और उसकी संपत्ति में हिस्सेदारी की भी मांग की। छत्तीसगढ़ पुलिस के अनुसार, साय कल्पना और उसकी बेटी के साथ भुवनेश्वर में एक तीन मंजिला इमारत में एक परिवार के रूप में रह रहे थे। महिला भी चाहती थी कि साई द्वारा खरीदी गई इमारत को उनके नाम पर स्थानांतरित कर दिया जाए। तभी साईं ने दोनों को खत्म करने की साजिश रची। 5 मई 2016 को पूर्व विधायक कल्पना और बबली को अपनी कार में शादी के बहाने रायगढ़ ले आया। रास्ते में ही उसने दोनों पर जानलेवा हमला किया और इसे दुर्घटना का रूप देने के लिए हमीरपुर के रास्ते ओडिशा भागने से पहले कई बार अपने वाहन के नीचे शवों को कुचल दिया।

राजनीती में अच्छी साख कांग्रेस और बीजेडी के नेता रहा है अनूप साय

अनूप साय कांग्रेस के टिकट पर 2000 से 2009 तक लगातार तीन बार ब्रजराजनगर निर्वाचन क्षेत्र से ओडिशा विधानसभा के लिए चुना गया। इसके बाद 2014 में बीजद में शामिल हुआ और चुनाव लड़ा, लेकिन उसे हार मिली। यह भी एक बड़ा कारण था की पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी में परेशानी हो रही थी। आरोपी की सियासी पहुंच के कारण ही उसकी गिरफ्तारी में पुलिस को तीन साल से भी ज्यादा का वक्त लग गया था।

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