धान उपार्जन केन्द्र में किसान हो रहे हालांकन,टोकन काटने की लिमिट ना बढ़ने से किसानों के माथे में देखी जा सकती है चिंता की लकीरें।

पूर्व विधायक चक्रधर सिंह ने जिला कलेक्टर निवेदन किया की अपने प्रभाव का प्रयोग कर किसानों की चिंता दूर करे।
लैलूंगा। धान उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदने की निर्धारित तिथि 31 जनवरी है। इस हिसाब से देखा जाए तो पूरे डेढ़ माह समय किसानों को मिल रहा है पर अगर हम धान उपार्जन केंद्रों के निश्चित कार्य दिवस पर नजर दौड़ाए तो हमें ज्ञात होगा कि दिसंबर में मात्र 8 दिन और जनवरी में सिर्फ 19 दिन ही कार्य दिवस है शेष दिन छुट्टी है। अभी तक विकाश खंड लैलूंगा के धान उपार्जन केंद्रों में टोकन काटने की लिमिट नहीं बढ़ाई गई है किसानों का समूह प्रति दिन धान उपार्जन केंद्रों में पहुंच कर वहां उपस्थित प्रबंधकों और कर्मचारियों से पूछता है की लिमिट कब बढ़ेगा तो हमारे हाथ में कुछ नहीं है हम अपने जिले के उच्च अधिकारियों को पत्र लिख दिए है जब लिमिट बढ़ेगा तो आप लोग आन लाइन टोकन काट लेना कभी 10 तारीख तक लिमिट बढ़ेगा तो कभी 15 तारीख तक और अब जिले के उच्च अधिकारी के हाथ मे सब कुछ है हम कुछ नहीं कर सकते किसानों की तकलीफ देखने के लिए कोई भी उच्च अधिकारी या कहा जा सकता है कि कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कोई भी जिम्मेदारी वाला जवाब नहीं दे पा रहा है । यहां किसान अपनी मेहनत की फसल को अपने घर में रख कर सिर्फ इंतजार कर रहा है कि कब मुझे टोकन मिलेगा और कब मैं अपनी फसल को बेच पाऊंगा जिससे मेरा बैंक का कर्जा उतार पाऊंगा और बचे हुवे रु से आगे की तैयारी करूंगा।
पूर्व विधायक चक्र धर सिंह सिदार ने कहा मै भी किसान हु तो किसानों के दर्द को भली भांति समझ सकता हु किसानो के हित के लिए मुझसे जो हो सके वह प्रयास मै करने को तैयार हु। अगर जरूरत पड़ेगी की तो जिला मुख्यालय जा कर कलेक्टर महोदय से निवेदन करना पड़े तो वो भी करूंगा।
वर्तमान में किसानों की समस्याओं की फिकर ना किसी अधिकारी कर्मचारी को है और ना ही सत्ता पर बैठे राजनेताओं को है। आज विकाश खंड लैलूंगा के किसानों की तरफ से मै इस समाचार के माध्यम से जिला कलेक्टर से मांग करता हु कि कृपा या हमारे धान उपार्जन केंद्रों में टोकन काटने की लिमिट बढ़वाने की महान कृपा करें ताकि हमारे विकास खंड के किसान समय रहते अपने धान को समर्थन मूल्य पर बेच सके।

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