लैलूंगा।यू तो नगर पंचायत लैलूंगा का विवादो से बड़ा ही गहरा नाता रहा है अभी ट्यूब्लर लाइट का मामला ठीक से ठंडा हो भी नही पाया है ।अब नगर पंचायत लैलूंगा के अध्यक्ष के ठेकेदार भतीजे ने साजिश रच कर एक पूर्व आदेश जिसका निरस्तीकरण आदेश को छिपा कर नगर पंचायत लैलूंगा में पदस्थ इंजीनियर के जगह दूसरे इंजिनियर से माप पुस्तिका में हस्ताक्षर करा कर अपने फर्म के नाम से 50 लाख से भी अधिक राशि का चेक कटवा कर अपने खाते में जमा करवा लिया गया है।उपरोक्त चेक के बारे में नगर में पदस्थ लेखापाल और इंजीनियर को भी जानकारी नही है।बड़े मजे की बात है की नगर के नव पदस्थ सीएमओ ने अभी तक ना ही कोई बैठक ली है और ना ही ठीक से नगर के जनप्रतिंनीधियो से परिचय भी हुआ है।फिर ना जाने किस दबाव में उन्होंने किसके आदेश से इतनी बड़ी राशि का चेक आहरण किया इस संदर्भ में जब लेखापाल से पार्षदों ने पूछा की चेक पंजी और केसबुक तो आपके पास होता है तो यह चेक किस तरह से कटा तो उन्होंने बताया की में उस दिन नगर पंचायत में अचानक मेरा तबियत खराब हुआ तो मैं इलाज करवाने के लिए छुट्टी लिया तो सीएमओ सर ने मुझसे मेरे अलमारी की चाबी मांगी तो मैने उन्हे चाबी दे दिया उसके बाद जब मैं दूसरे दिन आया तो केस बुक में देखा तो मुझे पता चला की चेक कटा गया है।इंजिनियर ने भी नगर के पार्षद को बताया की मुझे तो इस विषय में कोई जानकारी नहीं है जब पार्षद ने इंजिनियर से पूछा की आपसे माप पुस्तिका और फाइल किसने मांगी और आपने बिना किसी लिखित आदेश के उपरोक्त दस्तावेज क्यों किसी को दिए तो वह कोई भी तथ्य नही प्रस्तुत कर सकें।पार्षद ने इस हेतु सीएमओ से भी चर्चा करना चाही आज वे कार्यालय में उपस्थित नहीं थे और फोन भी नही उठाए। उपरोक्त प्रकरण को नगर पंचायत लैलूंगा के पार्षद अब जल्द जिले के कलेक्टर के समक्ष रखेंगे और नगर के जनता के जनकल्याण के लिए आए हुवे इन राशियों का बंदर बाट करने वाले लोगो पर कार्यवाही करवाने का निवेदन भी करेंगे। जब पार्षद ने इस विषय में लिखित में जानकारी मांगी तो इंजिनियर ने फाइल ठेकेदार के माध्यम से फाइनल होने के लिए बिलासपुर गई है बताया और कल उसकी समस्त जानकारी देने की बात कही।देखते है अब उपरोक्त भ्रष्टाचार में कौन कौन समल्लित है।