नवरात्रि के सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानें विधि, मंत्र, भोग, आरती, महत्व और शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है। नवरात्रि के सातवें दिन मां के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना की जाती है। आज दिनांक 19 अप्रैल, 2021, सोमवार को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की विधि- विधान से पूजा की जाएगी। मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है। मां के बाल लंबे और बिखरे हुए हैं। मां के गले में माला है जो बिजली की तरह चमकते रहती है। मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। मां के हाथों में खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा है                    सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।

मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।

मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को लाल रंग पसंद है।

मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।

मां को रोली कुमकुम लगाएं।

मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें।

मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं।

मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें।

मां की आरती भी करें।

मां कालरात्रि का सिद्ध मंत्र-

 

‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।’

 

मंत्र-एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी

वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा

वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी

 

मां कालरात्रि की पूजा का महत्व.

 

मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है

मां कालरात्रि की कृपा से बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त हो जाता है

मां कालरात्रि दुष्टों और शत्रुओं का संहार करने वाली हैं

मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से तनाव भी दूर हो जाता है

मां कालरात्रि की आर

कालरात्रि जय जय महाकाली

काल के मुंह से बचाने वा

दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा

महा चंडी तेरा अवता

पृथ्वी और आकाश पर सारा

महाकाली है तेरा पसा

खंडा खप्पर रखने वालीरारालीती।।।।..॥।॥कलकत्ता स्थान तुम्हारा

सब जगह देखूं तेरा नजारा

सभी देवता सब नर नारी

गावे स्तुति सभी तुम्हारी

रक्तदंता और अन्नपूर्णा

कृपा करे तो कोई भी दु:ख ना

ना कोई चिंता रहे ना बीमारी

ना कोई गम ना संकट भारी

उस पर कभी कष्ट ना आवे

महाकाली मां जिसे बचावे

तू भी ‘भक्त’ प्रेम से कह

कालरात्रि मां तेरी जय

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