पटवारियों की भ्रष्ट कार्य प्रणाली से आम हितग्राही व ग्रामीण परेशान अब नई सरकार से उमीद
(पत्थलगांव) पत्थलगांव की सीमा से लगे धरमजयगढ़ तहसील के अंतिम छोर पर पदस्थ वर्षों से अंगद के पांव की भाँति पटवारियों द्वारा भ्रष्टाचार का तांडव कर अपने पद व पावर का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है। धरमजयगढ़ की अंतिम सीमा के गांव में पदस्थ पटवारी गोविद कुमार बड़ा, अब्राहिम लकड़ा, राजेष भगत, देवदत्त सिंह आदि पटवारियों द्वारा अपने-अपने हल्का क्षेत्रों में बेखौफ होकर भ्रष्टाचार का तांडव किया जा रहा है जिससे ग्रामीण हितग्राही बेहद परेशान है पटवारियों की कितनी भी गंभीर शिकायत क्यों न हो कार्यवाही के नाम पर इनके अधिनस्थ अधिकारियों द्वारा अगल-बगल के पटवारी हल्का में इन्हे पदस्थ कर दिया जाता है।
चुकी ये अपने अधिनस्थ अधिकारियों के कृपा पात्र होते है इसलिए इन पर ठोस कार्यवाही न करना इनके फितरत में है उच्च अधिकारियों द्वारा समाचार पत्रों में आदेश निर्देष जारी कर मात्र सुर्खिया बटोरने का कार्य ही किया जाता है जबकि जमीनी स्तर पर यह जानने की कभी कोशिस नहीं की जाती कि उनके अथवा शासन के आदेशो का पालन हो रहा है या नहीं ग्रामीणों की शिकायत पर कोई ठोस दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की जाती है सभी शिकायत दफ्तरों में पड़ी धूल खा रही होती है बल्कि कभी-कभी उल्टे शीकायतकर्ता को ही अधिकारियों के प्रकोप का शिकार होना पड़ता है।
शासन द्वारा ऑनलाईन नामांतरण की ब्यवस्था के बाद भी हितग्राहियों को नामांतरण के लिए महिनों भटकना पड़ता है पटवारी द्वारा हर एक काम का अवैध पैसा मांगा जाता है भोले भाले हितग्राहियों के रिकार्ड दुरूस्तीकरण में जानबुझ कर कुछ गलत कर दिया जाता है फिर ठीक करने के नाम पर महीनों घुमाया जाता है अनेक चक्कर काटने पर अवैध राशि लेकर ही सुधार किया जाता है उदाहरण स्वरूप ग्राम ससकोबा के एक हितग्राही का फौती नामांतरण कर आधार कार्ड दिखाने के बाद भी टिकेष्वर के स्थान पर टीकाराम कर दिया गया अनेक चक्कर काटने के बाद ससकोबा के हल्का पटवारी देवदत्त सिंह द्वारा 10,000/- रूपये लेकर रिकार्ड दुरूस्त किया गया।
इसी तरह ग्राम ससकोबा के हितग्राही रतन साय द्वारा खरीदी गई भूमि का नामांतरण होने के बाद भी पटवारी द्वारा ऋण पुस्तिका नहीं बनाई जा रही है उसे यह कहकर टाला जा रहा है कि मेरे पास ऋण पुस्तिका नहीं है आप ऋण पुस्तिका ले आओं मै तुरंत बना दूंगा ऋण पुस्तिका बनाने के लिए 5000/- की मांग की जा रही है। इस पटवारी द्वारा तो भ्रष्टाचार की सारी सिमाएॅ लांग दी गई है कुछ पीड़ित ग्रामीण हितग्राहियों ने बताया कि इनका बाकारूमा स्थित पटवारी कार्यालय अक्सर बंद रहता है एवं खुला रहता है तो ये महोदय शराब सेवन कर उपस्थित कुछ असमाजिक तत्वों के साथ नषे के हालत में पाये जाते है इनके कार्यालय में शासकीय कार्य अन्य अनाधिकृत व आशाकीय व्यक्ति से नियम बिरूद्ध कराये जाते है।
इस पटवारी महोदय की हकीकत जानने के लिए जब एक पत्रकार अपने कैमरा मेन के साथ बाकारूमा इनके कार्यालय पहुंचे तब ये अपने टेबल पर मदहोषी की हालत में बैठे थे उन्होने बड़ी निडरता के साथ उत्साहित होकर कहा कि पत्रकार हो, लो मेरी फोटो अच्छे से खींच लो।
देखिये फोटो में लाल टिस्ट पहने पटवारी देवदत्त सिंह को, बगल में नीला शर्ट में बैठा अनाधिकृत व्यक्ति अलमीरा से दस्तावेज लेकर शासकीय कार्य कर रहा है, इसी प्रकार दूसरी अन्य फोटो में देखिये उक्त पटवारी का टेबल फ्रेंड जो पटवारी की कार की ड्राईविंग कर उनके लिए शराब व कबाब की व्यवस्था में अक्सर लगे रहता है, ये शक्स जो ग्रे कलर की जैकेट पहने लेबटाप में शासकीय कार्य कर रहा है जो ग्राम ससकोबा निवासी दिनेश बारीक है जो अनाधिकृत तौर पर टेबल पर पटवारी का कार्य कर रहा है।
ग्रामीण हितग्राहियों द्वारा उक्त पटवारी की शिकायत फोटो के साथ प्रदेश के मुखिया बिष्णुदेव साय एवं रायगढ़ विधानसभा से निर्वाचित पूर्व ए.आई.एस. ओ.पी.चौधरी को भेजकर उक्त पटवारी को तत्काल यहॉ से हटा कर इनके खिलाफ कठोर दंण्डात्मक कार्यवाही का निवेदन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ विधानसभा से निर्वाचित वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने पटवारियों की भ्रष्ट कार्यप्रणाली पर पिछले दिनों सवाल उठाते हुए इन्हे अपना रवैय्या बदलने की हिदायत दी गई थी इसके बावजूद सत्ता परिवर्तन के बाद भी अधिकारी कर्मचारियों केे रवैय्ये में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है इस प्रषासनिक आतंकवाद को ध्वस्त करने के लिए सरकार को निष्चय ही कड़े कदम उठाने होंगे।