वे कौन थे वह नहीं जानती: ठाट दिखाकर ऐसे झांसे में लिया कि छह महीने तक देह लुटाती रही…

रायपुर। इसे उसकी नादानी कहें या फिर सरकारी नौकरी का लालच! वह छह महीने तक दो अनजान युवकों को अपनी देह सौंपती रही। उसे जहां बुलाते चली जाती, जो चाहते थे करती जाती थी। सब कुछ लुटाकर उसे खुद के लुटने, और छले जाने का एहसास हुआ। युवक यूं ही रास्ते में मिले थे। महिला दफ्तरों में झाड़ू-पोंछा का काम किया करती थी। उनके ठाट-बाट देखकर महिला झांसे में आ गई। उसे लगा था कि मंत्रालय में सरकारी नौकरी लग गई तो जीवन संवर जाएगा। मई की भीषण गर्मी में महिला का परिचय संतोषी नगर के मिश्रा होटल के पास खड़े दो अजनबियों से हुआ। दोनों ने शुरुआत में महिला के काम-काज के बारे में पूछा। उसे मंत्रालय में नौकरी देने का लालच दिया। महिला शादीशुदा है। खास बात यह है कि आरोपियों के बारे में महिला ज्यादा कुछ नहीं जानती। वह टिकरापारा इलाके की रहने वाली है। दोनों बदमाशों ने इस कदर महिला को अपने भरोसे में लिया था कि महिला उनकी बातों में आकर हर काम करती थी। आरोपी अक्सर महिला को मिलने बुलाया करते थे। शातिर इतने कि मुलाकात के दौरान ही अगली मुलाकात की तारीख और जगह भी तय करके बता दिया करते थे। महिला भी आरोपियों की बताई जगह पर पहुंच जाया करती थी। फिर आरोपी उसे टिकारापारा, मुजगहन, छछानपैरी, सेजबहार जैसे कई ग्रामीण इलाकों में ले जाकर शारीरिक संबंध बनाते थे। महिला ने पुलिस को बताया है कि हाल ही में 19 सितंबर को छछानपैरी इलाके के एक खाली प्लॉट में शाम के वक्त वो कार से दोनों बदमाशों के साथ पहुंची। खुले में ही आरोपियों ने महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाए। महिला का दावा है कि नौकरी की आस में वह सब कुछ सहती रही मगर। कई महीनों तक काम न मिलने की वजह से अब महिला ने पुलिस से मदद मांगी है। दोनो फांदेबाजों के बारे में महिला सिर्फ इतना जानती हैँ कि वे दोनों आपस में एक दूसरे को रवि रंजन और मनीष कुमार के नाम से बुलाते थे। महिला के पास ना तो इनका पता ठिकाना है। और ना ही कोई फोन नंबर। अब इस पहेलीनुमा केस ने पुलिस को भी उलझाकर रख दिया है। बहरहाल दोनो फांदेबाज महिला को जिन इलाकों में लेकर जाते थे पुलिस उन इलाकों के CCTV फुटेज को जांच सकती है। आरोपियों के हुलिए की जानकारी लेकर पुलिस उनका स्केच भी बनवा सकती है।

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