पत्थलगांव में सरकारी संपत्ति पर अवैध निर्माण, राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर संदेह

पत्थलगांव। बस स्टैंड स्थित दुकानदारों में शासकीय ज़मीन पर पक्का निर्माण करने की होड़ मची हुई है। स्थिति यह है कि जनपद पंचायत परिसर के अंदर बने शौचालय पर कब्जा कर होटल का रसोई बना दिया गया है और अब शौचालय से आगे बढ़कर पंचायत की ज़मीन पर भी पक्का निर्माण जारी है।
प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। दरअसल, पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के कार्यकाल में 850 वर्गफुट पर काबिज दुकानदारों ने राजस्व अमले से सांठगांठ कर 1100 वर्गफुट का भूमि स्वामी पट्टा हासिल कर लिया। अब राजस्व अमला अपने ही बनाए पट्टे की आड़ में तीन दिशाओं—पश्चिम, दक्षिण और उत्तर को छोड़कर रकबे की कमी पूरी करने के लिए पूर्व में स्थित पंचायत भवन और शौचालय को तोड़कर कब्जा करवाने पर आमादा है। यह किस नियम के तहत संभव है, यह बड़ा सवाल है।
पहली गलती तो राजस्व अमले ने पट्टा देते समय की, जब वास्तविक कब्जे से अधिक रकबा दर्शा दिया गया। अब दूसरी गलती यह है कि सरकारी भवन तोड़कर कब्जा देने की कोशिश की जा रही है।

प्रशासन आँख मूंदे बैठा है। सबसे बड़ा सवाल उठता है कि शासन की संपत्ति पर हो रहे इस कब्जे को संरक्षण कौन दे रहा है? प्रशासन का तर्क है कि आर.आई.पटवारी ने भूमि स्वामी पट्टे के अनुरूप नाप–जोख की है, लेकिन हकीकत यह है कि पंचायत भवन और शौचालय बरसों पहले बने हुए हैं। पट्टा तीन वर्ष पूर्व ही दिया गया है जब पट्टे दिए गए, तब क्या तहसीलदार और एसडीएम को यह सब दिखाई नहीं दिया? क्या मौके का मुआयना नहीं हुआ? भूमि स्वामी हक सिर्फ उन्हीं को मिलना था जिनका वास्तविक तौर पर कब्जा है। इस मामले में गलत जानकारी देकर बिना कब्जे के कब्जा दर्शाने वाले क्रेता समेत संबंधित राजस्व अमले पर कानूनी कारवाई की जरूरत है।
मामले की परतें खुलेगी तो साफ हो जायेगा कि इस पूरे प्रकरण में कई बड़े अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हो सकती है। यदि निष्पक्ष जांच हुई तो राजस्व अमले की मिलीभगत और प्रशासनिक उदासीनता दोनों का चेहरा सामने आएगा।

सवाल यही है कि सरकारी संपत्ति को बचाने वाला प्रशासन ही जब कब्जाधारियों का साथ देने लगे तो आम जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?
जनपद पंचायत की सीईओ श्रीमती प्रियंका रानी गुप्ता ने कहा कि इस मामले में पूर्व में जिले से राजस्व की टीम जांच के लिए आई थी उनके द्वारा दिए गए जांच प्रतिरोध के मुताबिक जिस जगह पर पक्का निर्माण हो रहा है वह 388/1 जो जनपद की भूमि है उससे बाहर की बताया गया है संबंधित निर्माण करता को भू स्वामी का पट्टा कैसे मिला यह जांच का विषय है मैंने इस मामले में उच्च अधिकारियों से चर्चा किया है जांच किया जाएगा।

जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती धनियारो परहा ने बताया कि जनपद की सरकारी कार्यालय को तोड़कर पक्का निर्माण होना गलत है वैसे ही जनपद पंचायत में जगह का अभाव है और लोग भवन पर पक्का निर्माण कर कब्जा कर रहे हैं ।
पत्थलगांव के आर आई अवैध निर्माण का मौका देखने पहुंचे उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड देखने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।

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