
रायपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने शराबबंदी पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि 15 साल सत्ता में रही भाजपा ने ही सरकार के माध्यम से शराब बेचने का फैसला लिया था और रमन सरकार ने शराबबंदी न कर गांव- गांव तक शराब पहुंचाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि संगठन के मुखिया और आदिवासी विधायक होने के नाते उनका मानना है कि 60 फीसदी भू-भाग में शराबबंदी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में सामाजिक, धार्मिक, रीति नीति परंपराओं में इसका तर्पण होता है। लिहाजा उन क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की मांग रहती है कि उनकी परंपराओं से छेड़छाड़ न हो। इसके बाद भी सरकार शराबबंदी पर जो फैसला लेगी, वो अंतिम और सबको मंजूर होगा।
वहीं मामले में मोहन मरकाम के बयान का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वे कोई भी गलत बात नहीं कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की बैठक के बाद अनुमति देने पर शराबबंदी होगी। हमने यह उल्लेख भी अपने घोषणापत्र में किया है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा के नेता अपना घोषणापत्र नहीं पढ़ते बल्कि कांग्रेस की घोषणा पत्र को रट्टा मार लिए हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया हैं।