
पैंगोलिन खाल के अंतर राज्य 3 तस्कर को , लाखों रूपये के सिल्क एवम 2 वाहन समेत वन टीम ने धर दबोचा
वन जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत की गई कार्यवाही
सूरजपुर : सुरजपुर जिले की बड़ी खबर मिल रही है जहाँ मध्यप्रदेश के डब्लू सीसीबी ने पैंगोलिन के शिकारियों को सूरजपुर वन टीम को आरोपी को पकड़ने में सफ़लता मिला है , और साथ ही लाखों रूपये की कीमत के पैंगोलिन के सिल्क भी बरामद किया है। तीनो आरोपी को पुलिस को सौंप दिया गया है
बता दें कि सूरजपुर वन अमले की टीम ने वन्य प्राणी पैंगोलिन के 10 किलो खाल के साथ 3 आरोपियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। प्रतापपुर क्षेत्र के रामकोला मुख्य मार्ग पर दो मोटर साइकिल में सवार तीन युवकों को वन विभाग की टीम ने धरदबोचा है। 3 आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 1972 के तहत 939 अब, 49क, 50 स व 51 के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए हिरासत में लिया है। और आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस पुरी कार्यवाही में प्रतापपुर एवम घुई वन परिक्षेत्राधिकारी के साथ उनकी पुरी टीम की अहम भूमिका निभाई है
आखिर पेंगोलिन नामक जीव की दुनिया में क्यो हो रही सबसे ज्यादा तस्करी ?


पैंगोलिन एक ऐसा जानवर है, जिसकी दुनिया में सबसे ज्यादा तस्करी हो रही है. तस्करी की वजह है चीन, जहां इस जानवर की खाल और मांस से पारंपरिक दवाएं बनाए जा रही हैं. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के मुताबिक दुनियाभर के वन्य जीवों की अवैध तस्करी में अकेले 20 फीसद का योगदान पैंगोलिन का ही है.
इनकी खाल एवं मांस से जो दवाएं बनाई जाती हैं, बहुत महंगे दामों पर अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अमीरों तक पहुंचती हैं. और इसके मांस की कीमत लगभग 30 हज़ार रूपए होती है अब हालत ये हुई कि पैंगोलिन विलुप्त होने वाले जीवों की श्रेणी में पहुंच गए.