
Raigarh News : रायगढ़ : जानकारी के अनुसार आज कल तेजी से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगतार तेजी से छोटे छोटे फाइनेंस कंपनियां फाइनेंस के नाम पर तेजी से विस्तार कर रही है यही नहीं हर मोहल्ले हो या ग्रामीण क्षेत्र सभी जगह फाइनेंस कंपनी अपने एजेंट के रूप में या तो कोई महिला या तो कोई पुरुष को कमीशन के लालच देकर न्युक्ति कर दिया है इन प्राइवेट फाइनेंस कंपनी ग्रामीण एवं शहर से लगे मोहल्ला क्षेत्रों में भोले भाले लोगों को छोटे-छोटे रकम देकर ब्याज प्रोसेसिंग फीस के नाम पर दोगुना पैसा वसूलने का कार्य कर रहे हैं।
कैसे काम करती है फाइनेंस कंपनियां :
फाइनेंस कंपनियों का कार्यलय ज्यादातर शहर के बाहरी क्षेत्रो में मोहल्ला के आसपास रहता है मोहल्ले के ज्यादातर क्षेत्रों में एजेंट के माध्यम से कम पढ़े लिखे महिलाओं को लोन देने का कार्य किया जाता है ज्यादातर महिलाओं को ही लोन दिया जाता है जिसमें एक महिला समूह बनाया जाता है उसे महिला समूह को लोन दिया जाता है अगर कोई एक महिला किसी कारणवश पैसा नहीं दे पाई तो बच्चे महिलाओं को उनका पैसा देना पड़ता है यह फाइनेंस कंपनियां छोटे-छोटे रकम देती है उसके बाद प्रोसेसिंग पीस और ब्याज के नाम पर उनसे दोगुना पैसा वसूला जाता है जो उनके चुंगल में फंस जाते हैं उनसे साप्ताहिक या फिर हर 15 दिन पर कंपनी के कोई कर्मचारी या एजेंट के माध्यम से लोगों से पैसा वसूलते हैं कोई व्यक्ति किसी कारण बस पैसा समय पर नहीं दे पता तो एक्स्ट्रा चार्ज के नाम पर मोटी रकम और सुनने का भी कोशिश करते हैं।
बैक से लोन लेकर दूसरे को करते फाइनेंस:
मिली सूत्रों से जानकारी के अनुसार कुछ ऐसे भी फाइनेंस कम्पनी के मालिक है जो बड़े-बड़े नेशनल बैंकों से कम ब्याज दर पर लोन लेकर अपना खुद प्राइवेट फाइनेंस कंपनी बना लिया है या फिर अपने संबंधित रिश्तेदार,मित्र या अन्य माध्यम से प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों को पैसा देते हैं उसके बदले में ब्याज के रूप में मोटी रकम वसूलते हैं।
जिला प्रशासन के पास नहीं है रिकॉड : जिले के शहर में या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी फाइनेंस प्राइवेट कंपनियां है और उनके क्या नियम है और वे कम्पनी लोगों को किस नियम के तहत फाइनेंस मुहैया कराती हैं यह फाइनेंस का पैसा कहां से आता है ऐसा तो नहीं की किसी ब्लैक मनी या दो नंबर का पैसा प्राइवेट फाइनेंस कंपनियां इस्तेमाल कर रही है इसकी जानकारी जिला प्रशासन के पास या फिर यूं कहे कि संबंधित विभाग के पास नहीं है,
Raigarh News : शतर्क रहने की जरूरत : जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्र के भोले भाले महिलाओं को फाइनेंस कंपनियां अपनी मक्कड़ जाल में फसाती चली जा रही है और जरूरतमंद महिलाए इनके जाल में फसते चले जा रहे हैं आगर जिला प्रशासन या संबंधित विभाग इन प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों पर अंकुश नहीं लगता है तो आने वाले समय में यह स्थिति और भी दयनीय होती चली जाएगी या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में जो प्राइवेट फाइनेंस कंपनियां है उनके ब्याज दर को लेकर बैक के संबंधित अधिकारी और प्रशासन के अधिकारी चौपाल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूक करने की जरूरत है मुखर न्यूज यह नहीं कहता कि सारी प्राइवेट फाइनेंस कंपनियां गलत है लेकिन जो फाइनेंस कंपनियां गलत है और उनका ब्याज दर अति ज्यादा है उन्हें प्रशासन के द्वारा ब्लैक लिस्ट किया जाना अति आवश्यक है।