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रायगढ़, 7 जुलाई 2025 — घरघोड़ा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो न्यायालय में बार-बार फर्जी किसान ऋण पुस्तिका पेश कर आरोपियों को जमानत दिला रहा था। इस मामले में दो आरोपियों – एक पट्टाधारी और एक दलाल – को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश कोर्ट स्टाफ और माननीय न्यायाधीश की सतर्कता से हुआ।
ऐसे हुआ खुलासा:
प्रथम श्रेणी न्यायालय, घरघोड़ा में कार्यरत बाबू प्रशांत कुमार सिंह ने थाना घरघोड़ा में 5 जुलाई को शिकायत दी थी कि अपराध क्रमांक 132/2025 के तहत आरोपी तौहिद खान की जमानत के लिए जो किसान ऋण पुस्तिका प्रस्तुत की गई थी, वही पुस्तिका कुछ दिन बाद संशोधित कर आरोपी कौशिल्या बाई की जमानत के लिए भी इस्तेमाल की गई।
जांच में पाया गया कि जमानतदार पद्मलोचन साव द्वारा प्रस्तुत ऋण पुस्तिका के पुराने पृष्ठ जानबूझकर हटाकर कोरे पन्ने जोड़े गए थे, ताकि एक ही दस्तावेज को बार-बार उपयोग किया जा सके। जब दस्तावेजों की बारीकी से जांच की गई, तो छेड़छाड़ की पुष्टि हुई।
मुख्य आरोपी और तरीका:
पुलिस जांच में सामने आया कि ग्राम कोतासुरा निवासी पट्टाधारी पद्मलोचन साव और ग्राम रैबार निवासी दलाल जगन्नाथ कसेरा ने मिलकर यह साजिश रची थी। दोनों ने मिलकर भूमि की ऋण पुस्तिका में बार-बार पृष्ठ बदलकर उसे नए जैसा दिखाया और न्यायालय में प्रस्तुत किया। दलाल जगन्नाथ इसके एवज में मोटी रकम वसूलता था।
कानूनी कार्रवाई:
थाना प्रभारी कुमार गौरव साहू के निर्देश पर आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 177/2025 के तहत धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 3(5) बीएनएस में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। कूटरचित ऋण पुस्तिका भी जब्त कर ली गई है।
गिरफ्तार आरोपी:
- पद्मलोचन साव, पिता स्व. भीम साव, उम्र 40 वर्ष, निवासी कोतासुरा, थाना पुसौर।
- जगन्नाथ कसेरा, पिता स्व. रघुवीर कसेरा, उम्र 49 वर्ष, निवासी रैबार, थाना पुसौर।
पुलिस की चेतावनी:
रायगढ़ पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि, “फर्जी दस्तावेज बनाकर न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।” ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।