
आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर
राजधानी/रायपुर।सन 1929 में निर्मित प्रदेश की प्रतिष्ठित सामाजिक व शिक्षण संस्था बंगाली कालीबाड़ी समिति रायपुर , जो कि शासन से लीज पर प्राप्त लगभग 1 लाख वर्ग फुट जमीन पर स्थित हैं। समिति के द्वारा उक्त जमीन में शादी विवाह हेतु रविन्द्र मंच किराए में उपलब्ध,विवेकनंद भवन किराए में उपलब्ध, पांथोशाला किराए में उपलब्ध, कालीबाड़ी शाला,कालीबाड़ी समिति एव मां काली मंदिर के अलावा समय समय पर शासन के सहयोग जैसे सांसद निधी ,विधायक निधी व समिति सदस्यो के सहयोग दान से धनराशि प्राप्त कर सामाजिक भवन का निर्माण व प्रतिवर्ष लाखों खर्च कर भव्य बंगाली दुर्गा पूजा व अन्य पूजा का आयोजन किया जाता है। जिसमे प्रदेश के माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रियों सहित प्रदेश के हर जाति वर्ग के लोगो की असीम आस्था, सहयोग व उपस्थिति रहती है।
समिती में अंदरूनी स्तर पर विगत कई वर्षों से निर्वाचित कार्यकरिणी सदस्यों द्वारा परिवारवाद को बढ़ावा देना ,कुछ विशेष सदस्यो एव विशेष कार्यकारणी सदस्य को रविन्द्र मंच बुकिंग में किराया भंडार चलवाने ,पार्टी में केटरिंग का बुकिंग उपलब्ध करवाने, आम सदस्यो के द्वारा मांगी गई जानकारी पत्रो को महत्व न देने व जनसूचना के अधिकार अधिनियम 2005 का उलंघन की शिकायत दर्ज है।
अन्य सैकड़ों शिकायत अन्य सदस्यो द्वारा रजिस्ट्रार फर्म एव संस्था में की जा चुकी है। मामले अब भी लंबित है। अब फिर से बंगाली कालीबाड़ी समिति के द्वारा समिति एक्ट 1973 संविधान के विरुद्ध कार्य करने का मामला सामने आया है।
इस संदर्भ में समिति के युवा सदस्य व आगामी चुनाव कार्यकरिणी सदस्य प्रत्याशी श्री अमिताभ राजा घोष ने बताया कि करोना महामारी के मद्देनजर पूर्व में कालीबाड़ी समिति के द्वारा बार बार आम सभा की स्वीकृति प्राप्त करने हेतु माननीय जिलाधीश महोदय को आवेदन पत्र दिया गया था, परंतु माननीय जिला दंडाधीश महोदय ने करोना महामारी को ध्यान में रखते हुए कालीबाड़ी समिति को आम जनसभा की अनुमति नहीं प्रदान की। तदोपरांत समिति द्वारा शासन (ADM) कार्यालय को दिग्भ्रमित कर आम सभा का अनुमति प्राप्त कर मात्र 50 सदस्यो की उपस्थिति में चुनाव कराने जैसे असंविधानिक कार्य को अंजाम दिया है। बकायदा कालीबाड़ी समिति द्वारा इसका अखबार इस्तिहार भी जारी किया गया। जिसमे मात्र 50 लोगो की उपस्तिथि को मान्य बताया गया (ADM आज्ञानुसार)। जबकि समिति संविधानुसार आम सभा सदस्यो का 33% की उपस्थिति में मान्य होती है। समिति में लगभग 3200 सदस्य है, जो की समस्त 3200 आम सदस्यो के निर्वाचन/मतदान के अधिकार का स्पष्ठ उल्लंघन है।
संबंधित असंविधानिक आमसभा के विरोध में श्री अमिताभ राजा घोष के नेतृत्व में समिति के युवा सदस्यो श्री किंशुक बोस, राहुल भट्टाचार्य, उत्तम कर्मकार, सुजीत सरकार, अमित कर्मकार, सुदीप चक्रवर्ती ,शिवशंकर सन्याल व अन्य महिला सदस्याओ ने रजिस्ट्रार फर्म एव संस्था छ.ग. शासन में लिखित शिकायत दर्ज की है। साथ ही समय की अल्पता को ध्यान में रखते हुए शीघ्र राहत प्राप्त करने के उद्देश्य से श्री अमिताभ राजा घोष ने उक्त शिकायत माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में भी की ।
रिट याचिका WPC 3689 2021 विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने संबंधित प्रकरण को पंजीबद्ध कर परिवादी संस्था बंगाली कालीबाड़ी समिति रायपुर को 13/09/2021 को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में दिनांक 27/09/2021 को माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में उपस्थित होने का आदेश दिया है। देखना यह है कि माननीय उच्च न्यायलय संबंधित विवाद के मामले पर क्या कार्यवाही का आदेश पारित करती है।
प्रदेश की सर्वाधिक प्राचीन, प्रख्यात, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्था में एसे विवाद की स्थिति उत्पन्न होना अत्यंत ही चिंता का विषय है।मामले के सभी साक्ष्य उपलब्ध हैं।