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बिलासपुर में दिखेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, भूगोल विभाग के छात्र देखेंगे खगोलीय घटना,सुबह लग जाएगा सूतक

Chandra Grahan 2022 बिलासपुर
ज्योतिष आचार्य ने कहा कि सूतक काल के दौरान मूर्तियों को ना करें स्पर्श,विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।सीएमडी पीजी महाविद्यालय भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पीएल चंद्राकर की माने तो यह एक खगोलीय घटना है। जिसमें विद्यार्थियों को बढ़-चढ़कर रुचि लेनी चाहिए।

बिलासपुर। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को है। बिलासपुर सहित देशभर में इस ग्रहण को देखने लोगों में भारी उत्सुकता है। सीएमडी पीजी महाविद्यालय भूगोल विभाग के छात्र भी इस खगोलीय घटना को देखने उत्सुक हैं। वही ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि सूतक काल के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। सनातन धर्म से जुड़े लोगों को मूर्ति स्पर्श करने से बचना चाहिए।
सीएमडी पीजी महाविद्यालय भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पीएल चंद्राकर की माने तो यह एक खगोलीय घटना है। जिसमें विद्यार्थियों को बढ़-चढ़कर रुचि लेनी चाहिए। महाविद्यालय में टेलीस्कोप के जरिए इस खगोलीय घटना को बच्चे देखेंगे। इस ग्रहण को देखने से आंखों में कोई नुकसान नहीं होगा नग्न आंखों से देखा जा सकेगा। बता दें केसूर्य ग्रहण के बाद अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मंगलवार को लगेगा। ये ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा।

चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित वासुदेव शर्मा की माने तो इस ग्रहण से लोगों को संभलकर रहना चाहिए। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तब चंद्र ग्रहण लगता है। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगने वाला है। भारतीय समयानुसार, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को शाम पांच बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगा और शाम छह बजकर 20 मिनट तक रहेगा।

चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले इसका सूतक काल लग जाता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के नौ घंटे पहले ही तैयारी कर लेनी चाहिए। सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए। पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए। भोजन न करें और सोएं भी नहीं। गर्भवती महिलाएं, बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। खाने पीने की चीजों में तुलसी की पत्ती डाल देनी चाहिए।

खग्रास चन्द्रग्रहण यह ग्रहण छत्तीसगढ़ में दृश्य व मान्य रहेगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज तिवारी के मुताबिक वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार छत्तीसगढ़ में सूतक सुबह 8:21 से लग जााएगा सूतक के बाद से ही पूजा—पाठ देव स्पर्श न करें। खानपान न करें। उपवास करना चाहिए बालक,वृद्ध,रोगी,गर्भवती महिलाए तुलसी के साथ दवा स्वलपहार ले सकते है वही भी ड्राय फुड होना चाहिए। द्रव पदार्थ बासी खाना से बचें। इनको घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण न देखें। मन से भगवान नाम जप,गायत्री मंत्र जप गरू मंत्र जप सर्वश्रेष्ठ व पापनाश करने वाला होता है। स्पर्श शाम 5:21,मोक्ष शाम 6:19 पर पर्वकाल 58 मिनट का होगा। तीन बार स्नान करना चाहिए। स्पर्श, मध्य काल व मोक्ष के समय इसके बाद दान की महिमा है। दान करें।

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