
बेमेतरा जिला पंचायत होगा राज्य का पहला सदन जहां छत्तीसगढ़ी में प्रश्न पूछेंगे सदस्य=प्रज्ञा निर्वाणी
दिनेश दुबे
आप की आवाज
*बेमेतरा जिला पंचायत होगा राज्य का पहला सदन जहां छत्तीसगढ़ी में प्रश्न पूछेंगे सदस्य*
*सभी सदस्यों ने जताई सहमति,बैठक की कार्यवाही भी छत्तीसगढ़ी में लिपिबद्ध हो:प्रज्ञा निर्वाणी*
बेमेतरा==छत्तीसगढ़ राज्य बने 22 साल हो गए,लेकिन प्रशासनिक तौर पर छत्तीसगढ़ी को नही अपनाया गया या सिर्फ साल में एक बार राज भाषा के नाम पर कार्यक्रम और सम्मान समारोह ,
बेमेतरा जिला पंचायत की सदस्य
प्रज्ञा निर्वाणी ने जिला पंचायत में सदन की बैठक की कार्यवाही को छत्तीसगढ़ी में करने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष को पत्र लिखा है,उन्होंने निजी तौर पर चर्चा के दौरान सदन के सभी सदस्यों ने सहमति जताते हुए इस पहल की सराहना की है,प्रज्ञा निर्वाणी कहती हैं कि चूंकि सदन में आये सभी प्रतिनिधि महिला हो या पुरुष ग्रामीण परिवेश के हैं,जितनी सहजता छत्तीसगढ़ी में महसूस करते हैं उतनी धारा प्रवाह हिंदी में नही दिखती,हम अपने ग्रामीण मतदाताओ से और घरों में अपने अभिन्न मित्रों और पारिवारिक सदस्यों से छत्तीसगढ़ी में ही बात करते है,और इस बोली में एक अपनापन ,छत्तीसगढ़ महतारी से जुड़ाव की सोंधी महक आती है,तो क्यों न इसकी शुरुवात बेमेतरा जिला पंचायत से किया जाए,अपनी मातृभाषा सदन की कार्यवाही को गौरान्वित किया जाए,
प्रज्ञा निर्वाणी ने यह भी कहा कि मनोवैज्ञानिक तौर पर भी अपनी मातृभाषा में अगर काम किया जाए तो वह ज्यादा प्रभाव शाली रहता है,
मैंने व्यक्तिगत तौर पर यह महसूस किया है ठेठ ग्रामीण क्षेत्रों से आई त्रि स्तरीय पंचायत की महिला जनप्रतिनिधि हिन्दी मे असहजता के चलते सदन में या तो अपनी बात रखती ही नही हैं
या फिर उतने प्रभावी ढंग से नही रख पाती, अच्छे नेतृत्व के गुणों के विकास के लिए भी मातृभाषा बहुत आवश्यक है,
रही बात अधिकारी कर्मचारियों की तो 70 % अधिकारी कर्मचारी छतीसगढ़ के हैं उन्हें भी कोई असहजता नही होगी और जो बाहर से आये हैं यहां नौकरी करने के लिए उन्हें तो पहली शर्त ही हो कि वो यहां की स्थानीय बोली को सीख ले,
जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी ने यह भी कहा है कि बेमेतरा छत्तीसगढ़ी साहित्य का पूरे भारत मे डंका बजाने वाले स्व गर्जन सिंह दुबे,सुरेंद्र दुबे,प्रमोद शास्त्री,महेंद्र सिंह वर्मा ,दिनेश गौतम,का गृह नगर है यहाँ से छत्तीसगढ़ी की गंगोत्री को निकल पूरे राज्य में जाना चाहिए।