जिला कांग्रेस कमेटी की प्रवक़्ता रिंकी पांडेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक महिलाओं पर अत्यचार जैसे घटित मामलों को देखकर यह कहा जा सकता है कि विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में प्रदेश की महिलाएं असुरक्षित हैं।
कांग्रेस प्रवक़्ता ने बताया कि भाजपा सरकार बनने के बाद से ही प्रतिदिन प्रदेश में कहीं न कहीं सामूहिक बलात्कार की घटना हो रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्यजनक क्या हो सकता है राजधानी तक में महिलायें सुरक्षित नहीं है। रायपुर नया बस स्टैण्ड में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, दूसरे दिन रिपोर्ट लिखा गया उसमें भी सामूहिक दुष्कर्म को नकार दिया गया। बलात्कार का रिपोर्ट लिखा गया। यहां भी पुलिस अपराधियों को सजा देने के बजाय उन्हें बचाने में लगी रही।
महिलाएं खुले में बाहर निकलने में भयभीत हो रही है। बस्तर, जशपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर से लेकर राजधानी रायपुर में भी महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। बेहद दुर्भाग्यजनक है कि सरकार इन घटनाओं को छुपाने और अपराधियों को बचाने का काम कर रही है। अब तक प्रदेश में महिलाओं के प्रति 3094 से अधिक अपराध हुए हैं तथा 600 से अधिक बलात्कार की घटना हुई है। भिलाई के डीपीएस स्कूल में 4 साल की मासूम बच्ची के साथ दुराचार की घटना हो गयी। बिना एफ आईआर के एसपी ने घटना को नकार दिया। जबकि पास्को एक्ट में प्रावधान है कि ऐसी कोई
घटना होने पर पहले एफ आईआर होना चाहिये, उसके बाद जांच होनी चाहिये।
भिलाई के बच्ची के साथ दुराचार के मामले में दो-दो डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बच्ची के निजी अंगों में चोट है कुछ गलत हुआ है। उसके बाद एसपी मामले को नकारते है। इस मामले में मेडिकल बोर्ड का गठन कब हुआ, बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण कब कराया गया, सरकार के संज्ञान में बात आई, क्या कार्रवाई की गई, एसपी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई, रायगढ़ के पुसौर में एक आदिवासी महिला के साथ 14 लोगों ने दुराचार किया, पुलिस रिपोर्ट लिखने में बहानेबाजी कर रही थी। मीडिया में दबाव के बाद रिपोर्ट को लिखा गया।
इसी तरह कोण्डागांव में एक महिला के साथ सामूहिक दुराचार हो गया, 20 दिन तक रिपोर्ट नहीं लिखी गयी। बेहद दुर्भाग्यजनक है कि बंगाल की घटना पर प्रतिक्रिया देने वाले भाजपाई छत्तीसगढ में 4 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी तक पर मौन रहे। इस मामले में कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि हम अपनी बहन, बेटियों की रक्षा की लड़ाई लड़ेंगे, आंदोलन करेंगे। सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिए मजबूर करेंगे।
हाल ही में छत्तीसगढ़ के सरगुजा के तिरकेला गांव की घटना ने भाजपा के विकास की पोल खोल के रख दी है डबल इंजन सरकार के विकास के नारे को बेनकाब कर दिया जब एक गर्भवती महिला को एम्बुलेंस तक पहुंचाने के लिए उसके परिजनों को कई किलोमीटर तक कांवर का सहारा लेना पड़ा ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना भाजपा के विकास के दावों की सच्चाई को उजागर करती है। यह दिखाती है कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता में ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा है ही नहीं गांव में सड़क की स्थिति इतनी खराब थी कि एम्बुलेंस तक ले जाने के लिए मरीज को कांवर में ले जाया गया।ये घटना बताती है कि भाजपा के विकास के दावे कागजो,विज्ञापनों तक सीमित है होर्डिंग तक सीमित है और जमीनी हकीकत कुछ और है।ईसी प्रकार की एक और घटना कोरबा जिले में हुई जहां छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से आदिवासी पहाड़ी महिला के नवजात शिशु की मौत हो गई अजगर बहाड़ स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न होने की वजह से उसे 102 महतारी एक्सप्रेस में मेडिकल कालेज ले जाया जा रहा था रास्ते मे बच्चे का जन्म हुआ और 1 घंटे में ही नवजात की मौत हो गई जिस पर परिजनों ने आरोप लगाया कि एम्बुलेंस में न तो ऑक्सीजन की सुविधा थी न ही ई एफ डी कर्मचारी गाड़ी में था ।
कांग्रेस प्रवक़्ता रिंकी पांडेय ने कहा कि इस प्रकार भाजपा के ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के दावे खोखले दावे हैं और बेहतर हो कि विकास का झुनझुना बजाकर सूबे की विष्णुदेव सरकार जनता को गुमराह करना छोड़े और खोखले दावों से अपनी पीठ को थपथपाना भी बन्द करें।