भारतीय राजनीति के युग पुरुष – प्रकाश सिंह बादल

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गुलाम भारत में 08
दिसंबर, 1927 को पंजाब प्रांत के फाजिल्का जिला के अबुल खुराना गांव के जमींदार परिवार में प्रकाश सिंह बादल का जन्म हुआ। स्वर्गीय बादल ने अपने नाम अनेक रिकॉर्ड किया है। मात्र 40 साल की उम्र में पंजाब के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने तो वहीं 2017 में सबसे अधिक उम्र वाले मुख्यमंत्री थे। प्रकाश सिंह बादल ने गांव के सरपंच से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करते हुए। 1957 में पहले बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। 75 साल के अपने राजनीतिक जीवन में 13 बार विधानसभा चुनाव लड़ें और सिर्फ दो बार 1967 एवं 2022 में हार का सामना करना पड़ा। रिकार्ड पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे, 1970-71,1977-80,1997-2002 और 2007 से 2017 तक लगातार दस साल पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। 2012 में जब प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तो वो देश के सबसे उम्रदराज 84 वर्षीय मुख्यमंत्री थे।1996 से 2008 तक शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। 1996 के आम चुनाव के बाद जब गठबंधन का दौर शुरू हुआ तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक बने। अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी तक से बादल जी का अच्छे संबंध रहे। यही कारण है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी उन्हें एक पाठशाला के रूप में मानते थे और उनका पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करते थे। विपक्षी आरोप प्रत्यारोपो के बीच इसमें कोई संदेह नहीं है कि पंजाब के विकास में प्रकाश सिंह बादल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राज्य के राजनीति के साथ ही साथ केंद्र की राजनीति में में भी उनकी अच्छी पकड़ रही है। 1977 के मोरारजी देसाई सरकार में कृषि एवं सिंचाई मंत्री रहे, वहीं 1979 के चौधरी चरण सिंह सरकार में भी कृषि मंत्री रहे।1969 में पंजाब सरकार में सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन एवं डेयरी आदि विभागों के मंत्री रहे। प्रकाश सिंह बादल के सामाजिक एवं राजनीतिक योगदान को देखते हुए भारत सरकार द्वारा 2015 में देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। स्वर्गीय बादल जी ने अपने पीछे एक बेटा और बेटी का भरा-पूरा परिवार छोड़कर 25 अप्रैल 2023 को रात्रि आठ बजे के आसपास 95 वर्ष के उम्र में इस दुनिया से विदा हो गए। उनके सम्मान में दो दिनों का राजकीय शोक केंद्र सरकार द्वारा घोषित किया गया है। उनकी पत्नी सुरिंदर कौर बादल का पहले ही 2011 में निधन हो चुका है। भारतीय राजनीति के ऐसे युग पुरुष को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति
डॉ. भूपेंद्र कुमार साहू
एसोसिएट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान
कला एवं मानविकी संकाय
आईएसबीएम विश्वविद्यालय छुरा,
गरियाबंद छत्तीसगढ़

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